आरा: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों को मिलने वाले सबसे बड़े पुरस्कार का नाम बदल दिया है. टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने के बाद पीएम मोदी ने खिलाड़ियों को मिलने वाले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है. अब खिलाड़ियों को इसी नाम से पुरस्कार दिया जाएगा.
आरजेडी विधायक ने कही ये बात
पीएम मोदी के इस फैसले के बाद देश भर का सियासी पारा चढ़ गया है. विपक्ष खासकर कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. हालांकि, बिहार में आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने खेल रत्न पुरस्कार के नाम में बदलाव के फैसले का समर्थन किया है. शुक्रवार को सूबे के भोजपुर पहुंचे मनेर विधायक भाई वीरेंद्र कहा कि अगर मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल रत्न पुरस्कार दिया जाता है, तो कोई दिक्कत नहीं है.
उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है. तो अगर उनके नाम से पुरस्कार दिया जाता है, तो हम उसका विरोध नहीं कर सकते है. ये ठीक नहीं है. मेजर ध्यानचंद हॉकी खेल के बहुत बड़े बादशाह है.
ट्वीट कर दी थी जानकारी
बता दें कि ओलंपिक में 41 सालों बाद जीत हासिल करने वाली भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल रत्न पुरस्कार से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का नाम अलग करने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट पर कहा है कि भारत में खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यानचंद के नाम से जाना जाएगा.
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