पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुई घटना का बुधवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में असर देखने को मिला. विधानसभा में जहां विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर बाहर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, विधान परिषद में सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. इसपर सीएम नीतीश भड़क गए और उन्हें जमकर फटकार लगाई. वहीं, सत्ता पक्ष के विधान पार्षद वेल में उतर गए, जिसके बाद स्पीकर ने सभी को शांत कराया.
एमएलसी सुबोध राय ने कही ये बात
हालांकि, सदन में सीएम नीतीश के गुस्से का शिकार हुए आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने बाहर निकल कर सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " कार्य स्थगन प्रस्ताव के दौरान फर्स्ट ऑवर में मेरी बात नहीं सुनी गई. मैंने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया, तब मैंने बताया कि विधानमंडल जो होता है, उसमें दोनों सदन के सदस्य आते हैं और जो वहां घटना हुई उसका यहां ज़िक्र होना चाहिए था. हमने कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया, उसमें कहा कि मुख्यमंत्री विपक्ष भी आप का ही अंग है, आपने अपना कॉलर ख़ुद पकड़वाया है. ऐसे मुख्यमंत्री का रहना कोई जरूरी नहीं, जो अपने विधायकों की रक्षा नहीं कर सके."
उन्होंने कहा कि उनके इतना कहने पर मुख्यमंत्री के इशारे पर मंत्री संजय झा उनके सीट के सामने आ गए. उन्होंने कहा," लोकतंत्र में विपक्ष को विरोध करना का अधिकार दिया गया है. फिर कौन सी कार्य संचालक नियमावली के तहत वो आ गए हम पर लपकने. आप क्या दिखाना चाहते हैं? गुंडागर्दी करना चाहते हैं, तो कर लीजिए हम भी दिखा देंगे कि गुंडागर्दी क्या होती है."
पहली बार सदन के अंदर आई पुलिस
सुबोध राय ने कहा, " हमलोग चूड़ी नहीं पहनें हुए हैं, मुख्यमंत्री जी को चूड़ी पहनाने आए हैं. मुख्यमंत्री जी चूड़ी पहन लें, जिस तरीके से विधायकों की पुलिस ने पिटाई की, आज़ादी के बाद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सदन में पुलिस आयी हो. महिला विधायक के साथ छेड़खानी किया गया, उनकी साड़ी खोली गई."
वहीं, संजय झा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुबोध राय ने कहा, " मुख्यमंत्री जी ने अपने 'पिल्ला' को हमारे सीट पर भेजा. लेकिन वैसे 'पिल्ला' को हम रात दिन चलाते हैं. वैसा-वैसा 'पिल्ला' नहीं चलेगा मुख्यमंत्री जी. अपने 'पिल्ला' को घर मे बांध कर रखिये. यहां वह पिल्ला सर्वाइव नहीं करने वाला है. "
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, बुधवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री अपनी बात रख रहे थे, तभी आरजेडी के विधान पार्षद बीच में आकर मंगलवार को विधानसभा में हुई घटना का विरोध करने लगे. देखते ही देखते सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग एक दूसरे के करीब आ गए.
इसके बाद मुख्यमंत्री भड़क गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने रिजेक्ट किया है. जनता ही ठीक से जवाब देगी. उन्होंने कहा, "इधर के लोग शांति से बैठे हैं, आप लोग जो अटैक करते हैं, इधर के लोग अटैक करते हैं क्या." इस दौरान विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह सभी सदस्यों को शांत कराते रहे, लेकिन हंगामा जारी रहा, हालांकि थोड़ी देर बाद सभी शांत हो गए.
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