CBI Raid in Bihar: देर रात तक चली CBI की छापेमारी में RJD एमएलसी के यहां से क्या-क्या मिला? खुद सुनील सिंह ने बताया
RJD MLC Sunil Singh Statement on CBI Raid: सुनील सिंह ने कहा कि बीजेपी की यह रणनीति है कि किसी भी मामले के तहत तेजस्वी यादव के ऊपर केस हो, जिससे वह आगे सत्ता में नहीं रह सकें.
पटनाः बिहार में आरजेडी (RJD) के कई नेताओं के यहां सीबीआई की टीम ने बुधवार को छापेमारी की. आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह (RJD MLC Sunil Singh) के यहां देर रात तक सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. इस छापेमारी के बाद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने बुधवार की देर रात मीडिया को बयान दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की यह रणनीति है कि किसी भी मामले के तहत तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के ऊपर केस हो जिससे वह आगे सत्ता में नहीं रह सकें. इस दौरान सुनील सिंह ने मीडिया को बताया कि छापेमारी उनके यहां से क्या मिला है और क्या क्या सीबीआई की टीम अपने साथ ले गई है.
सुनील सिंह ने कहा कि सीबीआई ने घर को छान मारा, बिस्कोमान के छह फ्लोर को छान मारा, बैंक अकाउंट देखा गया कि कहां से तेजस्वी यादव का तार जुड़ता है. अब इनके निशाने पर लालू यादव नहीं बल्कि तेजस्वी यादव हैं. ये चाहते हैं कि कैसे गठबंधन तोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि सिर्फ 2 लाख 59 हजार 640 रुपये मिले हैं. बंगला मेरी पत्नी के नाम से है उसकी कॉपी ले गए हैं. उन्होंने कहा कि दो हार्ड डिस्क भी ले गए हैं जो मेरे बेटे का है. उसमें सारा चीज एमबीए का भरा हुआ है. वो बैठकर पढ़ते रहें.
क्या मुन्नी देवी पैसा देने लायक है?
आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि केस के आईओ हैं भूपेश श्रीवास्तव. उन्हीं की ड्यूटी लगाई गई थी जो दस नंबर में लीड कर रहे थे. इनका एक ही उद्देश्य था कि सूचना मिली है कि आपके यहां एमएलसी बिकता है, आपके यहां एमपी बिकता है, राज्यसभा बिकता है उसका पैसा कहां जाता है? इस पर सुनील सिंह ने कहा कि अगर इस बात की जानकारी है तो आप क्यों नहीं जाकर उसे पकड़ लेते हैं. सुनील सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बताएं कि हमारे यहां मुन्नी देवी क्या पैसा देने के लायक है? क्या अशोक पांडेय पैसा देने के लायक हैं?
आगे सुनील सिंह ने यहा भी कहा कि फॉल सीलिंग तोड़ा गया, मेटल डिटेक्टर लाया गया जांच के लिए लेकिन कुछ नहीं मिला. उन्होंने अंत में मीडिया से कहा कि बीजेपी का एक सूत्री कार्यक्रम है कि किसी तरह कोई केस में तेजस्वी यादव को आरोपित करें, किसी केस में को-रिलेट करें, इसके अलावा कोई उद्देश्य नहीं है.
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