पटना: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर राजनीति भी जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ में बीजेपी लगी है तो विपक्ष के नेता इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लगातार बयानबाजी के बीच आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी बुधवार (20 सितंबर) को इस पर बयान दिया है कि महिला आरक्षण बिल 2010 में क्यों नहीं पारित हुआ?


आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा- "क्योंकि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे थे, उनके बीच यह आम सहमति थी कि जब तक आप इसे इंद्रधनुषी ढांचा नहीं देंगे तब तक यह एक खोखला बिल है. आप इसमें ओबीसी, एसटी और एससी को शामिल करें. दिलचस्प बात यह है कि इसे कब लागू किया जाएगा इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. जनगणना ही नहीं हुई. हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. गांधी जी ने क्रिप्स मिशन के बारे में कहा था, तो ये पोस्ट डेटेड कमिटमेंट है."



आरजेडी के साथ जेडीयू का भी मिल रह सुर


महिला आरक्षण बिल पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी आरजेडी के साथ सुर मिल रहा है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि बीजेपी ने  2014 के चुनावी घोषणा पत्र में ही महिलाओं को आरक्षण देने की बात की थी, लेकिन 9 साल बाद उनको याद आया है. हमारे नेता नीतीश कुमार तो शुरू से ही  महिला आरक्षण के पक्षधर हैं.


नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री ने पंचायत और निकाय चुनाव में  महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है. साथ ही दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को भी आरक्षण देने का काम किया गया, लेकिन अब लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के आरक्षण की बात है तो इसको तो केंद्र सरकार को देखना है कि दलित, पिछड़ी जाति और दबे कुचले लोगों के साथ है या नहीं. क्योंकि इसके लिए जनगणना होना भी आवश्यक है. केंद्र सरकार तो कोई जनगणना नहीं करवा रही है.


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