‘प्रधानमंत्री के स्क्रिप्ट राइटर उनका नुकसान कर रहे’, RJD सांसद मनोज कुमार झा का बड़ा बयान
Manoj Kumar Jha News: RJD सांसद मनोज कुमार झा ने लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण को लेकर घेरा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तथ्यों को संकीर्ण दायरे में देखते हैं.
Bihar News: लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज कुमार झा ने कहा प्रधानमंत्री के स्क्रिप्ट राइटर उनका बहुत नुकसान कर रहे हैं और देश का भी नुकसान हो रहा है. संविधान सभा को अधिकार दिया गया था, आपको मालूम है 47 में क्या स्थिति थी? दोनों तरफ खून की नदियां बह रही थी. आप कुछ भी बोल कर निकल जाएंगे. वो क्या संशोधन था? वो तथ्यों के साथ किफ़ायती हैं, सारे तथ्य उन्होंने नहीं दिए हैं. आपको थोड़ी समझ होनी चाहिए. संविधान सभा ने ही संविधान बनाया था.
RJD सांसद ने आगे कहा कि अंतरिम सरकार को उस समय की स्थिति को देखते हुए अधिकार दिया गया था. वाजिब प्रतिबंध की बात की गई थी. पूरे देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास हो रहे थे. आप देश के प्रधानमंत्री हैं. तथ्यों से खिलवाड़ मत कीजिए. जब-जब लगता है कि प्रधानमंत्री, देश के प्रधानमंत्री की तरह एक विशाल ह्रदय के साथ देश के प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार करेंगे. तब-तब हमें निराशा हाथ लगती है.
#WATCH दिल्ली: लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, "प्रधानमंत्री के स्क्रिप्ट राइटर उनका बहुत नुकसान कर रहे हैं और देश का भी नुकसान हो रहा है। संविधान सभा को अधिकार दिया गया था, आपको मालूम है 47 में क्या स्थिति थी? दोनों तरफ खून की नदियां बह… pic.twitter.com/jFDYodlVWn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2024 [/tw]
‘प्रधानमंत्री तथ्यों को संकीर्ण दायरे में देखते हैं’
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में मनोज कुमार झा ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हमारे आर्टिकल 44 में रखा गया क्योंकि उस वक्त के जो हालात थे, उन हालातों के मद्देनजर एक ट्रस्ट की कमी थी. प्रधानमंत्री तथ्यों को संकीर्ण दायरे में देखते हैं आर्टिकल 44 इंफॉर्म सिविल कोर्ट लेकिन उससे पहले आर्टिकल 39 में कॉन्सन्ट्रेशन ऑफ वेल्थ आया.
प्रधानमंत्री उसपर क्यों चुप होते हैं. क्यों इसलिए कि उद्योपत्तियों की आपकी सरकार बनवाने और दूसरों की सरकार गिरवाने में बहुत बड़ी भूमिका है. अगर आर्टिकल 44 तक पहुंचना चाहते हैं तो आर्टिकल 39 तो रास्ते में पड़ता है प्रधानमंत्री को उसे गौर से देखना चाहिए कि वो कहता क्या है आय के भयावह असमानता है उसपर एक नजर होनी चाहिए.
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