संसद में संविधान पर बहस को लेकर RJD एमपी मनोज झा की प्रतिक्रिया, 'ये बेहद खुशी की बात है कि...'
Manoj Jha News: लोकसभा में संविधान की 75 साल की यात्रा पर बहस शुरू हो चुकी है. संविधान पर चर्चा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को बैठक की थी.
Manoj Jha On Constitution: लोकसभा में संविधान पर हो रही बहस पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से सांसद मनोज कुमार झा की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि ये बेहद खुशी की बात है कि एक ऐसे दौर में जब संविधान पर आघात बहुत है. समतामूलक समाज और बंधुत्व को लेकर ऐसे दौर में बहुत आवश्यक है कि इस पर चर्चा हो.
बता दें कि संविधान पर चर्चा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को बैठक की थी. इसपर दोंनो पार्टियों की तरफ से व्हिप भी जारी किया गया था.
वहीं आज देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत हो चुकी है. संसद में संविधान पर पक्ष-विपक्ष की चर्चा से पहले शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा भी हुआ. विपक्ष ने सभापति जगदीर धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. इसके खिलाफ बीजेपी के सांसद राधामोहन दास अग्रवाल विशेषाधिकार बनन का नोटिस ले आए इसी को लेकर हंगामा शुरू हुआ. इस दौरान जगदीप धनखड़ और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच भी जमकर बहस हुई.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आप (जगदीप धनखड़) हमारी पार्टी के नेताओं का अपमान करते हैं. आपका काम सदन को चलाना है. हम यहां आपकी तारफी सुनने के लिए नहीं आए हैं. आप किसान के बेटे हैं तो मैं मजदूर का बेटा हूं, जब आप हमारा सम्मान नहीं करते तो मैं आपका सम्मान क्यों करूं. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा को 16 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
#WATCH दिल्ली: लोकसभा में आज संविधान पर होने वाली बहस पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, "...एक ऐसे दौर में जब क्षमता मुलक समाज को लेकर, बंधुत्व को लेकर संविधान पर आघात बहुत है...मैं समझता हूं कि ऐसे दौर में बहुत आवश्यक है कि इस पर विशद चर्चा हो..." pic.twitter.com/BX2QlbnLJa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2024 [/tw]
‘संविधान जेब मे रखने की चीज नहीं’
संविधान पर बहस को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने संविधान को एक दिवस में मनाने का काम किया. जिससे देश के लोगों को संविधान की शिक्षाएं याद रहे क्योंकि संविधान किसी के जेब मे रखने की चीज नहीं है. बल्कि संविधान लोगों को लोगों के व्यवहार में लाने की जरूरत है."
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