पटना: हाई प्रोफाइल रूपेश मर्डर केस में तीस घंटे बाद भी पुलिस के हाथ ख़ाली हैं. एसआईटी गठित कर पुलिस अलग-अलग पहलुओं से घटना की जांच में जुटी है. इधर, बिहार में बढ़ते अपराधों ने विपक्ष को भी नीतीश सरकार पर पूरी तरह हमलावर होने का मौका दे दिया है.


रूपेश मर्डर केस में पुलिस के हाथ अब तक खाली


आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में प्रशासनिक कार्रवाइयों पर गंभीर लगाया है. उनका आरोप है कि अफ़सर आरोपियों को मन मुताबिक क्राइम लिस्ट से बाहर कर देते हैं और पैसे लेकर मनमानी करते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए अफ़सरों को संरक्षण मिलने का दावा किया. उनका कहना है कि इसलिए बिहार में प्रशासनिक अधिकारियों की ऐसी हालत है. एक-एक थाने पर लाखों की और कहीं कहीं करोड़ों रुपए तक की वसूली होती है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा वसूली वाले थानेदार की पीठ थपथपायी जाती है. पुलिस अफ़सर घर बैठे काम करते हैं और नतीजा सबके सामने है.


आरजेडी ने प्रशासनिक कार्रवाइयों पर उठाए सवाल


रूपेश हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग पर उन्होंने कहा कि एजेंसी के पास कई ऐसे मामले हैं जो अभी तक अनसुलझे हैं. एनडीए सरकार और डबल इंजन की सरकार में मामले का निबटारा सरकार की इच्छा पर होता है. जिस केस में सरकार का मन किया उसे सुलझा लिया जाता है और बाक़ी को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. आरजेडी नेता ने जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बने आरसीपी सिंह पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि बिहार में सही प्रशासनिक अफ़सर सीआईडी में हैं और आरसीपी को टैक्स देने वाले ड्यूटी कर रहे हैं. बिहार में जाति के नाम पर पोस्टिंग होती है. जब तक पोस्टिंग की व्यवस्था में सुधार नहीं होता, तब तक कुछ नहीं होगा. फिलहाल, बिहार में कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है.


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