पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आरजेडी (RJD) के दावत-ए-इफ्तार में शामिल होने के बाद से सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सब तरफ इस संबंध में चर्चा हो रही है. इसी बीच बुधवार को जेडीयू (JDU) की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav), पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को न्योता भेजा गया है.


आरजेडी ने अपना स्टैंड कर दिया क्लियर


इस घटना के बाद कयासों का दौर निकल पड़ा है. सभी पुराने साथी रहे नीतीश और लालू की बढ़ती नजदीकी को लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में जब एबीपी ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jangdanand Singh) से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल आरजेडी नजदीकी बढ़ाने के मूड में नहीं है. 


 






जगदानंद सिंह ने कहा, " मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि जिसमें स्थायित्व ना हो उससे नजदीकी कौन बढ़ाएगा. क्यों बढ़ाएगा." जेडीयू का आरजेडी में विलय कराने का ऑफर देने के संबंध में उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि यहां रहेगा तो शायद दुरुस्त रहेगा. देखते हैं ना गांव में घूम-घूम के जो चरता है, लोग उसको नाथते हैं और खूंटे में बांध देते हैं. तो वो ठीक हो जाता है. 


आरजेडी में लोगों को मिलेगी मुक्ति


विलय करने पर ही वे नीतीश कुमार को स्वीकार करेंगे के सवाल पर उन्होंने कहा, " अरे स्वीकार करने का सवाल ही कहां उठता है. राम मनोहर लोहिया की शिक्षा से प्रशिक्षित, कर्पूरी ठाकुर के विचारों से लैस अनेकों लोग वहां फंस गए हैं. ऐसे लोग जहां फंसे और मुक्ति चाहते हैं, तो आरजेडी में मुक्ति की जगह है उन लोगों के लिए." 


तेज प्रताप प्रकरण के संबंध में सिंह ने कहा, " तेज प्रताप का चैप्टर मेरे पास से क्लोज हो चुका है. ये ऐसा चैप्टर नहीं है, जिसका भजन हम गाते रहें. जितनी बातें कहनी थीं, सुननी थी, वो सारी कल कह ही दी हैं. अब हम अपने काम में लग गए हैं, कल बैठक थी. पॉलिटिकल व्यक्ति अपने काम में लगा रहता है, जो जनहित का काम होता है. बाकी काम के लिए हमारे पास फुर्सत नहीं है."


पार्टी संविधान के हिसाब से कार्यकर्ता चलें


पार्टी में उनके रहते अक्सर दिखने वाली अनुशासनहीनता के संबंध में उन्होंने कहा, " मैं अनुशासन शब्द में विश्वास नहीं करता हूं. मैं सबको अराजकता से रोकता हूं. मनुष्य तो अनुशासित पैदा ही होता है. लेकिन धीरे-धीरे वो बदलने लगते हैं, इसलिए मैं अराजकता से कहता हूं कि बचिए. कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव हैं, 30 को पटना आ सकते हैं. नहीं आ पाए तो ऑनलाइन जुड़ेंगे. बाकि सर्वसम्मति से संविधान सौंप दी गई है, कार्यकर्ता उस हिसाब से चलें." 


सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये दंगाई प्रवृत्ति के लोग जिस तरह से अराजकता फैला रहे हैं, उससे आज देश खतरे में है. लेकिन जनता इन्हें जल्द अनुशासित कर देश को मुक्ति दिलाएगी. 


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