CM नीतीश के स्वास्थ्य पर सवाल… चुनाव से पहले सियासी बवाल! 2025 में किसे फायदा? खबर को समझें
Election 2025: राजनीतिक जानकार अरुण कुमार पांडेय कहते हैं कि जिस तरह से नीतीश कुमार इन दिनों हरकत कर रहे हैं उससे विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. स्वास्थ्य भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा.

Bihar Assembly Election 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कुछ गतिविधियों को देखकर विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा है कि सीएम का स्वास्थ्य अब ठीक नहीं है. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने तो यहां तक कह दिया है कि नीतीश कुमार को खाने में कुछ मिलाकर दिया जा रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए. इन सबके बीच जब कुछ ही महीनों के भीतर बिहार में विधानसभा चुनाव है और विपक्ष इस तरह की बातों से नीतीश कुमार को घेर रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या विपक्ष की ओर से इसे भी मुद्दा बनाया जाएगा?
दूसरी ओर पटना में शनिवार (22 मार्च, 2025) को एक पोस्टर भी देखने को मिला जो नीतीश कुमार को लेकर लगाया गया है. आरजेडी की ओर से इसे राबड़ी आवास के पास लगाया गया है. लिखा गया है, 'नायक नहीं खलनायक हूं मैं'. "हां मैंने किया है महिलाओं का अपमान, गांधी जी का किया है अपमान, अब हो गया है राष्ट्रगान का अपमान, जी हां मैं हूं खलनायक". इस तरह के पोस्टर से भी अब निशाना साधा जा रहा है.
विपक्ष को मिला बैठे-बिठाए मुद्दा
राजनीतिक जानकार अरुण कुमार पांडेय कहते हैं कि निश्चित तौर पर जिस तरह से नीतीश कुमार इन दिनों हरकत कर रहे हैं उससे विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. सिर्फ 20 मार्च (राष्ट्रगान के दिन का मामला) की ही बात नहीं है, इससे पहले भी कई चीजें उन्होंने (नीतीश) की हैं जिससे अब उनके स्वास्थ्य पर सवाल उठने लगा है. निश्चित तौर पर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार का स्वास्थ्य भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा. क्योंकि एक मुख्यमंत्री जब स्वस्थ नहीं है तो उनको उस पद पर बने रहने का हक नहीं है.
अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि इसका लाभ किसे मिलेगा यह आने वाला वक्त में देखा जाएगा. क्योंकि बीजेपी अभी चुप है और चुनाव के लिए अपनी अलग-अलग नीति तय कर रही है. 29 और 30 मार्च को अमित शाह आने वाले हैं तो अप्रैल महीने में पीएम मोदी का भी कार्यक्रम होने वाला है. बीजेपी यह पहले ऐलान कर चुकी है कि पीएम मोदी के नाम और नीतीश के काम पर चुनाव लड़ा जाएगा. नीतीश कुमार का स्वास्थ्य एक बड़ा मुद्दा होगा और इसका फायदा आने वाले समय में बीजेपी को मिल सकता है.
नीतीश कुमार के पास आज भी जनाधार
बातचीत में आगे कहा कि इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार में जातिगत राजनीति होती है और नीतीश मतलब पिछड़ों का वोट बैंक, जिसे बीजेपी अपने पाले में करने के लिए नीतीश से दूरी नहीं बनाएगी. नीतीश कुमार के पास आज भी जनाधार है, लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठेगा तो सीएम के चेहरे पर बीजेपी अपना कदम बढ़ाएगी. जातिगत राजनीति में अभी एनडीए पूरी तरह मजबूत स्थिति में है. चिराग पासवान, जीतन राम मांझी भी एनडीए के साथ हैं. ऐसे में बहुत बड़ा नुकसान एनडीए को नहीं होगा. बीजेपी की रणनीति है कि यादव-मुस्लिम को छोड़कर सभी जातियों को एक जुट करें.
वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड कमजोर हो चुकी है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी दोनों 12-12 सीट जीती, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई ऐसा चर्चित मंत्रालय जेडीयू को नहीं दिया गया. हाल के दिनों में बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, छह नए मंत्री बनाए गए, चर्चा थी कि जेडीयू के दो मंत्री बनेंगे लेकिन सारे बीजेपी के मंत्री बने. ताजा मामला पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ का चुनाव है. पिछली बार अध्यक्ष सहित चार पदों पर जेडीयू ने जीत दर्ज की थी. इस बार चुनाव से बाहर है. इसका लाभ बीजेपी ले रही है. उम्मीद की जा सकती है कि आगे बिहार विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा.
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