पटना: राज्यसभा सांसद सुशील मोदी द्वारा आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर जेल में बैठकर बिहार की राजनीति को अस्थिर करने का आरोप लगाने के बाद एक बार फिर सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. सुशील मोदी के इस बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है और उन्हें अपनी पार्टी संभालने की नसीहत दी है. साथ ही यह भी कहा है कि जोड़तोड़ की राजनीति आरजेडी नहीं बीजेपी-जेडीयू के लोग कर रहे हैं. यह सरकार पहले से ही वेंटिलेटर पर है, कभी भी गिर सकती है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने रविवार को कहा कि सुशील मोदी पहले अपने कुनबे को संभाल लें. कहीं, गठबंधन में दरार न आ जाए. उन्होंने अरुणाचल की घटना पर चुटकी लेते हुए कहा कि वहां तो यार ने ही यार का घर लूट लिया है. वहां की घटना का अब बिहार में भी असर दिख रहा है. जेडीयू नेता अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं. सीएम नीतीश ने भी इस बात पर दुख व्यक्त किया और कहा कि बीजेपी ने यह ठीक नहीं किया है.
मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जोड़तोड़ का इतिहास बीजेपी और जेडीयू का रहा है. जेडीयू ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी के विधायक तोड़े थे. हमें जोड़तोड़ नहीं करना है. पहले वह अपने घर को ही संभालें तो बेहतर होगा. कहीं, अंतर्कलह की वजह से बिहार में एनडीए की सरकार ना गिर जाए.
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग बेवजह लालू यादव पर सरकार गिरने का दोष मढ़ रहे हैं. जिस सरकार का एक चक्का ट्रक और दूसरा चक्का स्कूटर है, वह भला आराम से कैसे चल सकता है. तीन नंबर की पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री बनाया गया है. यह सरकार चलने वाली नहीं है. फिलहाल वेंटिलेटर पर है, लेकिन किसी भी समय गिर सकती है.
वहीं, बीजेपी नेता निखिल आनंद ने सुशील मोदी ने ट्वीट को सही बताते हुए कहा कि आरजेडी हताश, निराश और परेशानी के दौर से गुजर रही है. आरजेडी के नेता बदहवास हैं. उनको पता है कि जेडीयू-बीजेपी के अटूट गठबंधन के रहते हुए आरजेडी कभी सपने में भी सत्ता में वापसी नहीं कर सकती है. इसलिए आरजेडी नेता फालतू बयानबाजी कर रहे हैं.
निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी नेता अपने गिरेबान में झांके. आरजेडी जैसी परिवारवादी पार्टी के लिए सत्ता सिर्फ संपत्ति जब्त करने का साधन रहा है. इनके लिए भ्रष्टाचार और विकास कभी मुद्दा नहीं रहा है. एनडीए की गठबंधन की सरकार ने बिहार में विकास किए हैं. हम सब हमेशा विकास के रास्ते पर चलते रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे. आरजेडी जैसी पार्टियां आगे भी हारती रहेंगी और सत्ता में पुनर्वापसी का सपना दिन में ही देखती रहेंगी.
गौरतलब है कि शनिवार को सुशील मोदी ने ट्वीट कर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पर जेल से फोन के जरिए सूबे की जोड़तोड़ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा था कि बिहार में बीजेपी और जदयू के बीच लगभग दो दशक पुरानी दोस्ती से जलने वाले तत्वों की वजह से हमारे बीच एक बुरा दौर आया और गुजर गया. हमें जनता ने जब फिर सेवा का मौका दिया, तो विपक्ष की छाती फटने लगी.
उन्होंने कहा था कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद रांची रिम्स के पेइंग वार्ड से जेल नियमों का उल्लंघन कर मोबाइल फोन के जरिये लगातार राजद नेताओं को निर्देश देकर जोडतोड को बढ़ावा दे रहे हैं. जिन लोगों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग को कमाई का जरिया बना लिया था, वे मलाई न मिलने के कारण के रुटीन प्रशासनिक काम को राजनीतिक रंग देना चाहते हैं.