Tejashwi Yadav: 'वादों' के जरिए चुनाव के पूर्व सीमांचल को साधने की कोशिश, क्या है RJD की रणनीति?
RJD Strategy : तेजस्वी अपनी यात्रा के क्रम में कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशगंज भी पहुंचे. यहां उन्होंने महिला मतदाताओं को विशेष रूप से साधने की कोशिश की है.
RJD Strategy Try To Win Seemanchal: बिहार में सीमांचल के नाम पर राजनीति खूब होती रही है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने 'कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा' के दौरान भी सीमांचल के वोटरों को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है. उन्होंने सीमांचल की समस्याएं गिनाते हुए इस इलाके को सबसे पिछड़ा बताया तो वादों की झड़ी भी लगा दी.
सीमांचल में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं
दरअसल, तेजस्वी अपनी यात्रा के क्रम में कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशगंज भी पहुंचे. यहां उन्होंने महिला मतदाताओं को भी विशेष रूप से साधने की कोशिश की. सीमांचल में विधानसभा की करीब 24 सीटें हैं और इस इलाके में ज्यादातर सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
आरजेडी का वोट बैंक भी यादव और मुस्लिम मतदाताओं को माना जाता रहा है. ऐसे में तेजस्वी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत करने में जुटे हैं. आरजेडी प्रमुख लालू यादव इस इलाके को अच्छी तरह समझते हैं. माना भी जाता है कि सीमांचल के जरिए बिहार की सत्ता की राह आसान हो जाती है.
वैसे, बीजेपी और जेडीयू की भी नजर सीमांचल इलाके पर है. लोकसभा चुनाव में भी एनडीए ने यहां बड़े नेताओं की रैलियां की थीं. 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से 12 सीटों पर जीत मिली थी. पिछले चुनाव में भी जेडीयू एनडीए गठबंधन में शामिल था. तेजस्वी अपनी यात्रा के क्रम में साफ तौर पर कह रहे हैं कि सीमांचल इलाका पिछड़ा है और कई समस्याएं हैं.
महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश
इस क्रम में वह बीजेपी पर कम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्यादा निशाना बनाते नजर आ रहे हैं. तेजस्वी अपनी सीमांचल यात्रा के दौरान महिलाओं को मातृ शक्ति बताकर उनसे संवाद भी कर रहे हैं. इस क्रम में वह 'माई बहिन मान योजना' के जरिए महिला मतदाताओं को आकर्षित भी कर रहे हैं.
वह कहते हैं कि महागठबंधन की सरकार बनी तो महिलाओं के खाते में प्रत्येक माह 2,500 रुपये दिए जाएंगे. वह इसके अलावा भी कई वादे कर रहे हैं. वैसे, तेजस्वी की सीमांचल में सक्रियता से सहयोगी कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है. बताया जाता है कि कांग्रेस की नजर भी अगले विधानसभा को लेकर मुख्य रूप से सीमांचल पर ही है. बहरहाल तेजस्वी यादव वादों के जरिए 2025 की नैया को पार लगाना चाहते हैं.
ये भी पढ़ें: Purnia Fire: पूर्णिया के बियाडा बैटरी फैक्ट्री में भीषण आग, करोड़ों का हुआ नुकसान