पटनाः लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लेने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष और ईमानदारी से जांच होनी चाहिए. अगर आरोप झूठा साबित होता है तो आरोप लगाने वाले पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि कोई ऐरा-गैरा शख्स अगर केस करता है तो इसपर मुझे कुछ नहीं कहना, किंतु आपको इतना जरूर जानकारी ले लेनी चाहिए कि उन्होंने इतने पैसे कहां से लाए?

  इस सवाल का बस जवाब मिले तो सब पता चल जाएगा.


तेजस्वी यादव ने कहा कि आरोप लगाने वाले कुछ भी कह सकते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान उनपर हत्या का भी आरोप लगाया गया लेकिन चुनाव में वह मुख्यमंत्री के प्रत्याशी भी थे. वहीं, सोमवार को ही आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि कुछ विक्षिप्त मानसिकता वाले लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का काम करते हैं. ये वही लोग हैं जो खुद को होर्डिंग बैनर लगाकर प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बताते हैं. इनके आरोप पर न्यायालय ने कैसे संज्ञान लिया, ये तो वो ही समझे. लेकिन ये सबको पता है कि ये जो आरोप लगाए गए हैं वो बकवास हैं, बेबुनियाद हैं.


क्या है पूरा मामला?


मालूम हो कि आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), मीसा भारती सहित छह लोगों के खिलाफ कोर्ट ने प्राथिमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश दिया है. इस मामले में एफआईआर (FIR) करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाने भेजा गया है. मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने का है. तेजस्वी यादव पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है.


बताया जाता है कि कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम (CJM) की अदालत में पिछले महीने 18 अगस्त को एक परिवाद पत्र दायर किया था. उसमें संजीव कुमार सिंह ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत छह लोगों पर आरोप लगाया है. इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया गया.



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