पटनाः जेल से आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग कर राजनीति में फिर से एंट्री मारी है. हालांकि वे वर्चुअल मीटिंग में ज्यादा देर तक नहीं बोल सके. उन्होंने कहा कि अभी वैसी स्थिति नहीं है कि वे सबसे सामने आकर मिल सकें. ऐसे में उन्होंने आरजेडी के विधायक, विधान पार्षद आदि से कहा कि आप लोग क्षेत्र में निकलें और लोगों की जो भी मदद वो वो करें. कहा कि मैं बीमार हूं. नहीं जा रहे कहीं भी. डॉक्टर छुट्टी नहीं दे रहें." इतना कहकर लालू ने सबको "नमस्कार" कह अपना संबोधन खत्म किया.
इस बैठक में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी थे. वे पार्टी से जुड़े लोगों को पहले ही निर्देश दे चुके थे कि सभी समय से शामिल हो जाएं. सभी विधायक-विधान पार्षदों के साथ साथ पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं को निर्देश जारी किया था. यह कोई सियासी बैठक नहीं थी बल्कि कोरोना महामारी के वक्त पार्टी के नेता कैसे लोगों की मदद करें वे ये दिशा निर्देश देंगे. गरीबों की मदद कैसे होगी इसपर चर्चा हुई. अस्पतालों की व्यवस्था और ऑक्सीजन पर भी सवाल उठाए गए.
बैठक को लेकर हो रहीं कई तरह की बातें
गौरतलब हो कि इस बैठक को लेकर कई दिनों पहले ही घोषणा हो चुकी थी जिसके बाद ट्विटर वार शुरू हो गया था. कई सत्ताधारी नेताओं ने ट्वीट कर लालू प्रसाद यादव को घेरने की कोशिश भी की थी. हालांकि आज होने जा रही बैठक को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा था "चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को जमानत पर छोड़ने के लिए आधी सजा काटने से लेकर गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने तक, कई दलीलें दी गईं थीं, लेकिन जमानत मिलते ही वे अपना राजनीतिक कार्यक्रम घोषित कर रहे हैं. अब पार्टी उनकी बीमारियों को भुला चुकी है."
बिहार के लोग सुरक्षित बचेंगे तो बहुत राजनीति कर लेंगे
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद को पहले अपने स्वास्थ्य और कोरोना लहर से परेशान जनता की चिंता करनी चाहिए. आरजेडी प्रमुख सुनिश्चित करें कि पार्टी अनाप-शनाप बयानबाजी बंद कर पीड़ितों की सेवा में रचनात्मक सहयोग में लगे. बिहार के लोग सुरक्षित बचेंगे, तो वे बहुत राजनीति कर लेंगे.
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