उपेंद्र कुशवाहा पर RLSP के पूर्व प्रदेश महासचिव ने लगाया आरोप, कहा- निजी स्वार्थ के लिए बेच डाली पार्टी
विनय कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने राजनीति को व्यापार बना दिया. उन्होंने पार्टी बनाकर अकूत धन-संपत्ति अर्जित की है. अपने और अपने परिवार के लिए हजारों कार्यकर्ताओं को मोहरा बनाया है.
गया: लंबे समय से जारी चर्चाओं के बीच रविवार को आरएलएसपी का जेडीयू में विलय हो गया. आरएलएसपी और जेडीयू के विलय के बाद विवाद जारी है. इसी बीच आरएलएसपी के संस्थापक सदस्य सह पूर्व प्रदेश महासचिव विनय कुशवाहा ने कहा कि अपने निजी स्वार्थ के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की मेहनत को बेच डाला. उन्होंने कहा कि कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सिर्फ बेवकूफ बनाने का काम किया है. उन्होंने राजनीति को व्यापार बनाकर सम्पति अर्जित की है.
सुशासन के लिए बनायी थी अलग पार्टी
विनय कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन से मुक्ति के लिए 3 मार्च, 2013 को पटना के गांधी मैदान में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का निर्माण हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने तन, मन, धन और खून पसीना लगाकर किया था, ताकि बिहार की जनता को विकास करने वाली, भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन की सरकार मिल पाए.
उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी का नेता माना और लगातार उनके निर्देश पर शिक्षा, स्वास्थ्य, बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ संघर्ष किया. बिहार के सड़कों पर कितनी बार लाठियां खानी पड़ी. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने हजारों कार्यकर्ताओं को ही नहीं बिहार की पूरी जनता बेवकूफ बनाने का काम किया.
पार्टी का विलय करना आखिर कितना उचित?
उन्होंने कहा कि जिस नीतीश कुमार की उन्होंने इतनी बुराई की, उनपर जान से मारने की कोशिश करने तक का आरोप लगाया, आज उसी से हाथ मिला लिया. आखिर उपेंद्र कुशवाहा की यह ऐसी राजनीति है. जिसके खिलाफ उन्होंने लगातार आंदोलन चलाया, उन्हीं के साथ पार्टी का विलय करना आखिर कितना उचित है? क्या बिहार में शिक्षा सुधार हो गया? स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, सहित इनके द्वारा प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय का निर्माण हो गया?
विनय कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने राजनीति को व्यापार बना दिया. उन्होंने पार्टी बनाकर अकूत धन-संपत्ति अर्जित की है. अपने और अपने परिवार के लिए हजारों कार्यकर्ताओं को मोहरा बना दिया, उन्होंने सत्ता के लिए सिर्फ राजनीति की. लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने तीन सीट पैसों के लिए बेच दिया. उन्होंने कार्यकर्ताओं का भरपूर इस्तेमाल किया और आज अपने फायदे के लिए पार्टी का जेडीयू में विलय कर दिया.
बिहार की जनता उन्हें नहीं करेगी माफ
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के पूरे कुशवाहा समाज और हजारों निष्ठावान कार्यकर्ता को धोखा देकर नीतीश कुमार के साथ पार्टी का विलय करा कर यह साबित कर दिया उनकी राजनीति अपने, अपने परिवार के राजनीतिक भविष्य सवारने और धन इकट्ठा करने तक सीमित है. बिहार की जनता उन्हें माफ करने वाले नहीं है.
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