पटना: सूबे की सियासी गलियारों में लंबे समय चल रहे चर्चाओं पर विराम लगाते हुए उपेंद्र कुशवाहा रविवार को जेडीयू में शामिल हो गए. उनके जेडीयू में शामिल होने के साथ ही उनकी पार्टी आरएलएसपी का जेडीयू में विलय हो गया. नौ साल बाद वापस अपने सहयोगी और मित्र नीतीश कुमार के साथ आने के बाद वे काफी खुश दिखे.


बिना किसी शर्त के आया हूं साथ


जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, " बिना किसी शर्त के मैंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की जनता की सेवा करने का फैसला किया है. मैंने अपने राजनीतिक जीवन में बहुत उतार चढ़ाव देखे, लेकिन अब आगे का उतार चढ़ाव नीतीश जी को तय करना है."


सबको मिलकर काम करने की है जरूरत


कुशवाहा ने सीएम नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत अच्छा काम हुआ है. सब कुछ हो गया ऐसा नहीं है, लेकिन आगे भी काम करना है. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि आप सबसे आग्रह है कि इस पार्टी को फिर से नंबर वन बनाना है. अगर काम करने की जरूरत है, तो वो बताएं. सबको मिलकर करना है. हम सभी आज पार्टी को नम्बर वन बनाने का संकल्प लेते हैं.


उन्होंने कहा कि इस काम को हम पूरी मजबूती के साथ हर तरह से रहेंगे. जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के बारे में कहा कि वशिष्ठ बाबू के बारे में ना कहे तो सही नहीं होगा. डंडा लेकर वो हमारे पीछे खड़े रहे हैं. उनका बहुत आभार.


वहीं, मिलन समारोह के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि पिछले बहुत दिनों से बातचीत चल रही थी. आरएलएसपी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा से कई बार चर्चा हुई. वशिष्ठ बाबू के साथ चर्चा हुई. मैंने कहा कि साथ आ जाएंगे अच्छा हो जाएगा. साथ मिलकर काम करेंगे. हम पहले भी एक थे और अब भी एक हैं. साथ मिलकर हम देश के लिये काम करेंगे.


सीएम नीतीश ने कहा कि ये विलय कोई मामूली बात नहीं बड़ी बात है. लोग सोशल मीडिया पर अनाप शनाप प्रचार करते हैं. उन्हें कहने का अधिकार है, कहते रहे. लेकिन हम कहते हैं कि कोई गलत बात करता है, तो जवाब दे दीजिए. साथ ही पॉज़िटिव बात की भी चर्चा कीजिए.


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