बिहारः LJP में टूट पर रोहिणी ने CM नीतीश कुमार को बताया जिम्मेदार, कहा- षड्यंत्र रचा गया
जिन पांच सांसदों ने चिराग से दूरी बनाई है उनमें नवादा से चंदन कुमार, समस्तीपुर से प्रिंस पासवान, खगड़िया से महबूब अली कैसर और वैशाली से वीणा देवी शामिल हैं. रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे.
पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग पासवान को छोड़कर अपना अलग रास्ता कर लिया है. बीते दो दिन से हो रही इस चर्चा से बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है. पशुपति पारस और चिराग पासवान के चाचा एनडीए को अपना साथ देंगे. इस बयान के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने पशुपति पारस और नीतीश कुमार पर निशाना साधा.
सोमवार को रोहिणी आचार्या ने ट्विटर पर लिखा “ज़मीर बेचकर पलटू के गोद में जा बैठा..! स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के आदर्शों को जिसने नीलाम कर दिया! दवा और इलाज के अभाव में.. जनता तड़प-तड़प कर मर रही थी..! कुशासन बाबू महलों में विरोधी पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे थे..!!”
दवा और इलाज के अभाव में..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) June 14, 2021
जनता तड़प-तड़प कर मर रही थी..!
कुशासन बाबू महलों में विरोधी पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे थे..!!
उन्होंने आगे कहा “बड़े भाई ने उसे राजनीति मुकाम दिया..! उस भाई के पार्टी को सता लोभ में तोड़ने का कुचक्र रचा..!!” इधर, रोहिणी के ट्वीट के अलावा आरजेडी के विधायक और नेता शक्ति सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी.
ज़मीर बेचकर पलटू के गोद मे जा बैठा..!
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) June 14, 2021
स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के
आदर्शों को जिसने नीलाम कर दिया!
जेडीयू प्रलोभन देने वाली पार्टीः शक्ति सिंह
शक्ति सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह से लोग दूसरों के घरों में आग लगाने की कोशिश करते हैं, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि आग की लपटे उनके घरों को भी राख कर सकती हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू प्रलोभन देने वाली पार्टी है, धनबल का प्रयोग कर वो छोटी पार्टियों को तोड़ती है.
चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे सांसद
जिन पांच सांसदों ने चिराग पासवान से दूरी बनाई है उनमें नवादा से चंदन कुमार, समस्तीपुर से प्रिंस पासवान, खगड़िया से महबूब अली कैसर और वैशाली से वीणा देवी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि ये सभी चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे और पार्टी के अपने तरीके से चलाने से नाराज थे.
चिराग पासवान खुद ही कर रहे थे एलजेपी का नेतृत्व
बता दें बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेने के बाद एलजेपी की बुरी हार हुई. उसके बाद हाशिए पर चल रही एलजेपी की राजनीति और बिहार की राजनीति में ये बड़ा भूचाल ला सकती है.
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