कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर मालिक का नाम लिखने पर क्या बोल गईं रोहिणी आचार्य? BJP की बढ़ा दी टेंशन
Kanwar Yatra News: रोहिणी आचार्य ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया है. कहा है कि धर्म की गलत व्याख्या के साथ समाज व देश में धार्मिक-विद्वेष, नफरत व उन्माद का जहर घोलना ही बीजेपी की फितरत रही है.
Kanwar Yatra 2024: यूपी पुलिस ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने को लेकर निर्देश जारी किया है. इसको लेकर यूपी में जमकर हो रही सियासत के बीच बिहार में भी बयानबाजी होने लगी है. अब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी कूद गई हैं. रोहिणी आचार्य ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया है. शुक्रवार (19 जुलाई) की सुबह एक्स पर पोस्ट करते हुए वह बीजेपी पर खूब बरसीं.
रोहिणी आचार्य ने क्या कहा?
रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा, "लोकसभा चुनाव में अयोध्या की सीट हारने की खीज और अपनी खिसकती जमीन की हताशा में नफरती-विखंडनकारियों की जमात भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार ने मुसलमान भाइयों के इकोनॉमिक (आर्थिक)- बॉयकॉट के घृणित उद्देश्य से कांवड़ पथ पर नाम की तख्ती लगा कर सामान बेचने का फरमान जारी किया है."
लोकसभा चुनाव में अयोध्या की सीट हारने की खीज और अपनी खिसकती जमीन की हताशा में नफरती - विखंडनकारियों की जमात भाजपा की उत्तरप्रदेश सरकार ने मुसलमान भाइयों के इकोनॉमिक ( आर्थिक ) - बॉयकॉट के घृणित उद्देश्य से कांवड़ - पथ पर नाम की तख्ती लगा कर सामान बेचने का फरमान जारी किया है ..… pic.twitter.com/9eBjzSjhvM
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) July 19, 2024
रोहिणी ने आगे पोस्ट में लिखा, "पावन श्रावण (सावन) - मास में भगवान शिव के पूजन के लिए की जाने वाली पवित्र धार्मिक यात्रा को भी अपने गंदे राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के उद्देश्य से सांप्रदायिक रंग में रंगना चाह रही है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार. धर्म की गलत व्याख्या के साथ समाज व देश में धार्मिक-विद्वेष, नफरत व उन्माद का जहर घोलना ही भाजपा की फितरत व राजनीति रही है. हद तो तब ही हो गई थी जब अयोध्या की हार के पश्चात् इन लोगों ने अयोध्या के हिंदुओं तक के बॉयकॉट (बहिष्कार) के लिए मुहिम छेड़ दी थी. इन लोगों की विकृत मानसिकता को अच्छी तरह से देख व समझ चुका है देश और गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने-बांटने की इनकी हर कोशिश अब नाकाम ही होगी."
यूपी में क्या लिया गया है फैसला?
दरअसल, यूपी में आदेश जारी कर कहा गया है कि यह फैसला कांवड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए किया गया है. वजह बताई गई है कि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे. अब इसको लेकर सियासी गलियारे में तूफान उठ गया है.
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