(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ट्विटर अकाउंट अनलॉक होते ही रोहिणी ने की ट्वीट्स की बौछार, इशारों में सुशील मोदी पर साधा निशाना
ट्विटर अकाउंट अनलॉक होने के बाद रोहिणी ने ट्वीट के माध्यम से जहां एक तरफ राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारों में निशाना साधा है. वहीं, अपने पिता आरजेडी प्रमुख लालू यादव की तारीफ भी की है.
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के ट्विटर अकाउंट को ट्विटर ने अनलॉक कर दिया है. राज्यसभा सांसद सुशील की शिकायत करने के बाद ट्विटर ने शुक्रवार को रोहिणी के अकाउंट को लॉक कर दिया था. करीब 17 घंटे अकाउंट लॉक रखने के बाद उनके अकाउंट को अब अनलॉक कर दिया गया है. अकाउंट के अनलॉक होते ही रोहिणी ने ट्वीट्स की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, " लो मैं फिर से आ गई, बिहार की जनता की आवाज बनकर."
सुशील मोदी पर साधा निशाना
रोहिणी ने ट्वीट के माध्यम से जहां एक तरफ राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारों में निशाना साधा है. वहीं, अपने पिता आरजेडी प्रमुख लालू यादव की तारीफ भी की है. सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा, " नौटंकी बाज किसका परिवार है, ये जग जाहिर है. दो बोरी चावल की खातिर, मानसिक आपा खो दिया. एक दुकानदार बेचारे को पटना के बाजार में दांत काटी, थाने में लोट-लोट कर नागीन की भांति नाच किया. बोलो कौन?"
नौटंकी बाज किसका परिवार है ..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 22, 2021
ये जग जाहिर है..
दो बोरी चावल की खातिर..
मानसिक आपा खो दिया...
एक दुकानदार बेचारे को ..
पटना के बाजार में दांत काटी..
थाने में लोट-लोट कर..
नागीन की भांति नाच किया..
बोलो कौन..?
प्रधानमंत्री पर कसा तंज
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक होने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, " आंसू नहीं समाधान चाहिए, देश की जनता को इंसाफ चाहिए. आंसू और भावुकता को ढाल बनाकर, देश डूबो रहा है मरघट का मसीहा बनकर. जलती चिताओं की सेज लगाने के बाद, अपनी नाकामी के आंसुओं के सैलाब में झूठी संवेदना के जाल में मासूम जनता को भरमाने में लगे हैं."
जलती चिताओं की..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 22, 2021
सेज लगाने के बाद..
अपनी नाकामी के..
आंसुओ के सैलाब में..
झूठी संवेदना के जाल में..
मासूम जनता को भरमाने में लगे हैं
अंत में लालू यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, " मानसिक गुलामी से आजाद किया, जीवन जीने का सम्मानजनक अधिकार दिया. जो मानसिक गुलामी से आजाद हो जाता है, उसे आर्थिक आजादी खुद मिल जाती है."
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