रोहतास: जिला व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने मंगलवार को रोहतास डीएम के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने अभियुक्त और गवाहों की उपस्थिति से जुड़े 33 साल पुराने दुष्कर्म और चोरी के एक लंबित मामले में सुनवाई करते हुए रोहतास डीएम के वेतन निकासी पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. 


उक्त मामले में कोर्ट ने पूर्व में डीएम रोहतास के वेतन निकासी से ₹100000 स्थगन हर्जाना के रूप में कटौती करने का आदेश ट्रेजरी ऑफिसर रोहतास को जारी करते हुए ट्रेजरी ऑफिसर को 7 दिनों के अंदर हर्जाने की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का आदेश दिया था. परंतु इस मामले में आज तक कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. इसी को लेकर कोर्ट द्वारा यह कार्रवाई की गई है. 


33 साल पुराना है ये मामला 


उक्त मामला 33 साल पुराना है. जिसकी प्राथमिकी 33 साल पूर्व कोचस थाना में दर्ज हुई थी. इस मामले में ट्रायल का सामना कर रहे दो अभियुक्तों में से मामले का एक अभियुक्त राजेंद्र डोम पिछले 33 वर्षों से न्यायालय में अनुपस्थित है साथ ही चिकित्सक सहित मामले के कुल छह गवाहों में से मात्र एक गवाह सूचिका की गवाही हुई है. अन्य पांच गवाहों की गवाही के चलते मामला लंबित है. कोर्ट ने सैकड़ों आदेश संबंधित पदाधिकारियों को जारी किया था. 


जिसके बावजूद अधिकारी उक्त अभियुक्त एवं गवाहों को न्यायालय में उपस्थित कराने में लापरवाही बरत रहे थे. कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को दोषी पाते हुए रोहतास डीएम के खिलाफ पूर्व में ₹100000 स्थगन हर्जाना जमा करने का आदेश जारी किया था जिसका पालन नहीं करने पर कोर्ट ने डीएमके वेतन निकासी पर रोक लगाने का आदेश जारी किया.


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