(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RRB NTPC Update: किसके बयान पर ‘फंसे’ पटना के खान सर? छात्रों की मुश्किलें बढ़ेंगी या घटेंगी? पढ़ें सटीक जानकारी
बिहार की राजधानी पटना से शुरू हुआ आंदोलन विकराल हो गया है. लगातार इस ओर रेलवे बातचीत के लिए भी तैयार है. कमेटी बना दी गई है. छात्रों की जो समस्या है उसे भी मांगा गया है.
पटनाः आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाकर बिहार में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार जारी है. पटना से शुरू हुआ यह आंदोलन इतना विकराल होगा ये किसी ने नहीं सोचा था. पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गया समेत कई जिलों में उग्र प्रदर्शन के साथ ट्रेनें रोकी गईं. कई ट्रेनों में आग लगा दी गई. स्थिति को देखकर समाधान की दिशा में रेलवे को पहल करनी पड़ी. इस पूरे मामले में पटना के खान सर समेत छह शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो गई. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि अब रेलवे ने जो कदम उठाया है उससे मुश्किलें हल होंगी या फिर समस्या ज्यों कि त्यों रहेगी. अब तक क्या हुआ उसकी एक एक सटीक जानकारी यहां पढ़ें.
कैसे शुरू हुआ आंदोलन?
सबसे पहले इस आंदोलन की शुरुआत पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से हुई, लेकिन यहां छात्रों की संख्या कम थी. क्योंकि कहा जा रहा है कि पहले दिन हुए इस हंगामे में केवल एनटीपीसी वाले छात्र थे. बाद में आरआरबी की एक गलती ने इस हंगामे में घी डालने का काम किया है. इसी के कारण इतना बवाल हुआ है. आगे जानेंगे कि आरआरबी ने क्या गलती की है.
रेलवे की संपत्ति को पहुंचाया गया नुकसान
बता दें कि पहले दिन राजेंद्र नगर टर्मिनल पर हंगामा और तोड़फोड़ हुआ था. इसके बाद कई जगहों पर रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया गया. इसके बाद कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. कई स्टेशन और जंक्शन पर तोड़फोड़ की गई जिससे रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचा.
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जिंदगी भर नहीं दी जाएगी नौकरी
25 जनवरी को रेलवे की ओर से चेतावनी दी गई रेल मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया कि हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों को रेलवे के किसी पद पर जिंदगी भर नौकरी नहीं दी जाएगी. मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया- "ऐसी जानकारी मिली है कि रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में बाधा, रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसा काम किया गया है."
मंत्रालय ने कहा, "इस तरह की गतिविधियां अनुशासनहीनता के परिचायक हैं, जो ऐसे उम्मीदवारों को रेलवे/सरकारी नौकरी के लिए अनुपयुक्त बनाती हैं. ऐसी गतिविधियों के वीडियो की विशेष एजेंसियों की मदद से जांच की जाएगी और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले उम्मीदवारों/उम्मीदवारों पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ रेलवे की नौकरी प्राप्त करने से आजीवन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है."
रेल मंत्रालय ने लिया एक्शन
लगातार हंगामे और तोड़फोड़ के बाद 26 जनवरी को रेल मंत्रालय (Indian Railways) ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (RRB-NTPC) और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की लेवल 1 की परीक्षाओं पर रोक लगा दी. इसके साथ ही जांच के लिए कमेटी का गठन किया और चार मार्च तक रिपोर्ट मांगी गई है.
कौन कौन हैं कमेटी में?
- दीपक पीटर, अध्यक्ष, प्रधान कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध), रेलवे बोर्ड
- राजीव गांधी, सदस्य सचिव कार्यकारी निदेशक स्थापना (आरआरबी), रेलवे बोर्ड
- आदित्य कुमार, सदस्य मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन), पश्चिम रेलवे
- जगदीश अलगर, सदस्य अध्यक्ष आरआरबी/चेन्नई
- मुकेश गुप्ता, सदस्य अध्यक्ष आरआरबी/भोपाल
छात्रों को क्या करना होगा?
छात्र 16 फरवरी तक अपनी शिकायत रेलवे को भेज सकते हैं. चार मार्च तक कमेटी अपनी सिफारिश दे देगी. छात्र अपनी शिकायत इस मेल पर भेज सकते हैं. (rrbcommittee@railnet.gov.in). बताया जा रहा कि इस कमेटी में आरआरबी एनटीपीस (RRB-NTPC) के सफल और असफल छात्रों के वॉलंटियर्स रहेंगे. समस्या का समाधान निकाला जाएगा. रेलवे का कहना है कि छात्र आंदोलन कर रेलवे का नुकसान ना करें इसके लिए सबके हित में यह कदम उठाया गया है.
स्टेशनों पर सावधानी बरतने के निर्देश
इधर, छात्रों के हंगामे को देख कर 26 जनवरी को रेलवे ने एक पत्र जारी किया, जिसमें छात्रों के आंदोलन की चर्चा करते हुए ये बताया गया है कि आंदोलनकारी छात्रों को छात्र संगठन एनएसयूआई का समर्थन है. वहीं, युवा कांग्रेस के भी छात्रों को समर्थन देने की संभावना है. ऐसे में स्टेशनों पर अतिरिक्त सावधानी बरती जाए. साथ ही सुरक्षा बढ़ा दी जाए.
नाम आने पर NSUI ने दिया जवाब
रेलवे द्वारा जारी इस लेटर पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएसयूआई बिहार के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार उर्फ चुन्नु सिंह ने कहा कि आरआरबी द्वारा आयोजित एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा के रिजल्ट से नाराज छात्रों के प्रदर्शन में एनएसयूआई पूरी तरह से साथ है. हम हर मोर्चे पर उनके साथ हैं. बिहार के बच्चों का भविष्य सरकार नहीं तय कर सकती है. पीएम मोदी और सीएम नीतीश युवाओं को रोजगार देने के नाम पर सत्ता में आए, लेकिन उन्होंने सबसे ज्यादा गलत किया छात्रों के साथ. अब अगर सरकार कह रही है एनएसयूआई आंदोलन करा रही है. तो मैं मानता हूं कि करा रही है.
जानें क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 13 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में बोर्ड द्वारा कई पदों के लिए एक ही उम्मीदवार का चयन किया गया है, जिसके कारण कई छात्र सेलेक्शन से वंचित हो गए हैं. इसी बात से नाराज होकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं. आक्रोशित छात्रों का कहना है कि रिजल्ट में जब तक सुधार नहीं होगा उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
किसके कहने पर 'फंसे' खान सर?
प्रदर्शन के मामले में पटना के पत्रकार नगर थाने में कोचिंग संचालक खान सर समेत प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले छह शिक्षकों पर बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया. भड़काऊ भाषण एवं छात्रों को उकसाने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है. कहा जा रहा है कुछ छात्रों का बयान लिया गया था इसके बाद खान सर समेत छह शिक्षकों पर मामला दर्ज हुआ है.
छह शिक्षक कौन कौन हैं?
- खान सर
- एसके झा सर
- नवीन सर
- अमरनाथ सर
- गगन प्रताप सर
- गोपाल वर्मा सर
खान सर ने क्या कहा?
इस पूरे मामले में खान सर ने कहा कि आरआरबी ने जो एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा ली, उसमें बोर्ड ने ग्रेजुएशन और इंटरमीडिएट दोनों के छात्रों को एक साथ बैठाया. दोनों के ही छात्रों को सिंगल प्रश्न पत्र दे दिया. जबकि कट ऑफ अलग-अलग रखा. ग्रेजुएशन वालों का कट ऑफ अलग था, जबकि इंटरमीडिएट वाले छात्रों का अलग. ऐसे में निश्चित रूप से ग्रेजुएशन वाले भारी पड़ेंगे. दोनों को एक साथ मिलाकर रिजल्ट देने में गड़बड़ी हुई है. इंटरमीडिएट वालों को 20 गुना पर रिजल्ट देने को कहा गया था. लेकिन 10 गुना पर ही रिजल्ट मिला.
खान सर ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह आई कि 24 जनवरी को जब राजेंद्र नगर टर्मिनल पर 500 के करीब एनटीपीसी के छात्र हंगामा कर रहे थे, तभी आरआरबी ने ग्रुप डी वालों के लिए तीन बजे ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया. एनटीपीसी के छात्र सोच रहे थे कि कुछ अच्छी सूचना मिलेगी. लेकिन आरआरबी की नोटिफिकेशन ने आग में घी डालने का काम किया. बोर्ड का नोटिफिकेशन ग्रुप डी वालों के लिए था. नोटिफिकेशन में बताया गया था कि ग्रुप-डी के अभ्यर्थियों का अब मेंस एग्जाम लिया जाएगा.
ग्रुप डी वाले भी करने लगे हंगामा
ऐसे में ग्रुप डी के सिंगल एग्जाम वाले जो डेढ़ करोड़ छात्र हैं, जो एनटीपीसी छात्रों का हंगामा मीडिया के माध्यम से देख रहे थे, वे लोग परीक्षा की बात से उग्र हो गए और एनटीपीसी के छात्रों के साथ शामिल हो गए. अब जो हंगामा हो रहा है उनमें ग्रुप डी के ज्यादा छात्र हैं. यह सारी गलती आरआरबी की है.