Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच भारतीय मूल के अभय सिंह कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh ) चर्चा में हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की पार्टी से विधायक अभय कुमार सिंह उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने यूक्रेन में सैन्य अभियान का समर्थन किया. पटना में जन्में अभय कुमार सिंह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए रूस गए थे और फिर वहीं बस गए.


आइए हम आपको बताते हैं कि अभय कुमार सिंह कौन हैं और में उनकी राजनीति कैसे शुरू हुई.



  • अभय कुमार सिंह 17 साल की उम्र में रूस आए थे.

  • व्लादिमीर पुतिन को अपना हीरो मानने वाले अभय कुमार सिंह के पिता निधन बचपन में ही हो गया था.

  • अभय कुमार सिंह रूस के कुर्स्क शहर से विधायक हैं. वह रूस में पहले से व्यवसाय कर रहे थे.

  • इसी दौरान अभय कुमार सिंह राजनीति में आ गए और व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशियन पार्टी से प्रांतीय चुनाव लड़े. इस चुनाव में अभय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की.

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक अभय कुमार सिंह ने पटना लोयोला स्कूल में पढ़ाई की और मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस चले गए.

  • अभय कुमार सिंह पढ़ाई के बाद मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए पटना लौटे लेकिन बाद में उन्होंने कुर्स्क शहर में ही रहने का फैसला किया.

  • राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों की वजह से वह विधायक चुने जाने से पहले कुर्स्क में प्रभावशाली लोगों में गिने जाने लगे.

  • साल 2015 में अभय कुमार सिंह ने कुर्स्क में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया. 

  • अभय कुमार सिंह ने कुछ इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने रूस में कभी भी बाहरी महसूस नहीं किया.


यूक्रेन के पीछे हैं अन्य ताकतें- अभय कुमार सिंह
वहीं मंगलवार को एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में भी अभय कुमार सिंह ने रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि रूसी सेना भारतीयों को परेशान नहीं करेगी.


यूनाइटेड रशियन पार्टी के विधायक ने कहा था कि इस युद्ध में यूक्रेन के पीछे कई ताकतें हैं. वो परमाणु संपन्न देश हैं. अगर उनसे हमें कोई खतरा महसूस होता है तब उन पर परमाणु हमला किया जाएगा. हम यूक्रेन पर परमाणु का हमला नहीं करेंगे.


उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन के लोगों को भड़काया गया. व्लादिमीर पुतिन ने जंग का फैसला नहीं किया है. अभय कुमार सिंह ने कहा कि हमारे नेता (पुतिन) के फैसले का बड़े स्तर पर लोग समर्थन कर रहे हैं. हम यह नहीं कह सकते हैं कि किसी नेता को 100% समर्थन मिले. बहुत सारे देश हमारे साथ हैं.


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