पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के मन में जो भी हो लेकिन सियासी गलियारे में एक दो नहीं बल्कि कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. मांझी भले ही यह कह रहे हों को वह सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं लेकिन अपने ही बयानों से वह अपनी नाराजगी भी बता रहे हैं. अपनी मांग भी बता रहे हैं. एक तरफ कहते हैं कि वह नीतीश के साथ हैं तो दूसरी ओर कहते हैं कि अनशन करना पड़े तो भी नहीं मानेंगे. ऐसे में सवाल है कि आखिर मांझी के मन में क्या है?


रविवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने न सिर्फ नीतीश कुमार के खिलाफ अनशन करने की बात कही बल्कि अपनी नाराजगी के बारे में भी जिक्र किया. रविवार (16 अप्रैल) को पटना के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा कि सचिन पायलट जब अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन कर सकता है तो जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ अनशन नहीं कर सकता है क्या?


नीतीश कुमार के पुराने बयान की दिलाई याद


जीतन राम मांझी ने जिस तरह से रविवार को बयान दिया उससे यह तो साफ है कि वह समझ गए हैं कि कई पार्टियों को उनकी जरूरत है. ऐसे में वह भी सोच समझकर कदम रखना चाहते हैं. मांझी ने कहा कि उन पर महागठबंधन में दबाव है. स्पष्टता हमारी कमजोरी रही है. दबाव ऐसा है कि सभी ये कह रहे हैं कि मेरे साथ चले आइए. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार के एक पुराने बयान की याद दिलाई. कहा कि नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि मांझी जी कहीं नहीं जाइए. यहीं आपको सब कुछ देंगे. कार्यक्रम में यह बताते हुए कहा कि हम लोगों को निर्णय लेना होगा.


आगे कहा कि बीपीएल वालों को 200 यूनिट बिजली माफ हो. खेती के लिए बिजली बिल न लगे. इसके लिए आंदोलन की जरूरत हो तो करें. यह भी कहा कि निजी स्कूल में 25 फीसद गरीब बच्चों का एड्मिसन नहीं हो रहा. नीतीश कुमार का इस ओर कोई ध्यान नहीं. अगर इसके लिए दवाब बनाना हो आंदोलन किया जाए.


कई कमियां गिनाईं, नाराजगी भी बताई


हम नेता ने आगे बिहार में कई योजनाओं पर चर्चा करते हुए नीतीश कुमार को घेरा. कहा कि इंदिरा आवास में भ्रष्टाचार है. इसकी जांच कराई जाए. सक्षम लोगों का भी राशन कार्ड बना है. उन्होंने कहा कि वह इस मीटिंग के माध्यम से आंदोलन के लिए निर्देश दे रहे हैं. नाराजगी को लेकर कहा कि दिल्ली में उनकी नीतीश कुमार से मुलाकात हुई थी. उनसे उन्होंने यह भी कहा कि आपने (नीतीश) मुझे धोखा दिया. दो विभाग हमें मिलना था, लेकिन हमें एक मिला. इसके बाद भी हम आपके साथ हैं. 


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