पटनाः सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज (Sahara Group of Companies) के संस्थापक सुब्रतो राय (Subrato Rai) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने अगली सुनवाई में स्वयं कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि सहारा ने ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. कोर्ट ने उनकी दलीलों को सुनने के बाद नामंजूर कर दिया और सुब्रतो राय को सशरीर हाजिर होने का आदेश दे दिया.
सहारा के रवैये पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
पटना हाई कोर्ट ने सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रतो राय को हाजिर होने के लिए 11 मई की तारीख दी है. वहीं दूसरी ओर न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सहारा के रवैये पर नाराजगी भी जताई. बता दें कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर यह जानकारी मांगी थी कि सहारा इंडिया कंपनी बताए कि वह बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा कब तक और किस तरह से देगी.
यह भी पढ़ें- Siwan News: अपनी ही सरकार का 'सिस्टम' देख भड़के BJP MLA, बोले- नहीं सुधरी आदत तो करा देंगे ट्रांसफर, जानें पूरा मामला
27 अप्रैल तक मांगा गया था जवाब
गौरतलब है कि पिछली बार जब इस मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी तो 27 अप्रैल तक स्पष्ट रूप से जवाब मांगा गया था. कल बुधवार को जब कोर्ट में फिर सुनवाई हुई तो सहारा इंडिया का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता की दलीलों से संतुष्ट नहीं होने के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है.
पिछली बार कोर्ट ने सीधे कहा था कि 27 अप्रैल तक कंपनी यह बताए कि जनता का पैसा कब तक लौटाया जाएगा जो कंपनी की विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किया गया है. कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने बताया है कि अदालत में दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाएं दायर हैं. सहारा की कई स्कीमों की अवधि पूरी होने बाद भी पैसे नहीं लौटाए जा रहे.
यह भी पढ़ें- Nawada News: नवादा में CSP संचालक के कर्मियों से लूट, बदमाशों ने दिनदहाड़े छीने लाखों रुपये, जांच में जुटी पुलिस