Samastipur Lok Sabha Election:  लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कई नेता अपनी जगह अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों को किसी ना किसी पार्टी में शामिल कराते हुए सिंबल लेने में जुटे हैं. इसी कड़ी में समस्तीपुर में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है, जहां जदयू मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चौधरी को एलजेपीआर से टिकट मिला है तो वहीं महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी भी यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं. 


बेटी के साथ अशोक चौधरी का जनसंपर्क अभियान 


बीते दो दिनों से अशोक चौधरी अपनी बेटी को एनडीए प्रत्याशी के रूप में लोगों से मुलाकात कराते हुए जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं. इस दौरान शांभवी चौधरी के पति सायन कुणाल (आचार्य किशोर कुणाल के बेटे) भी उनके साथ रोड शो से लेकर जनसंपर्क अभियान में साथ-साथ चल रहे हैं, लोगों का जमसमर्थन भी मिल रहा है. अशोक चौधरी एनडीए के कार्यकाल में किए गए कामों को जनता के बाच गिना रहे हैं. 


नीतीश के दो मंत्रियों के बेटे-बेटी के बीच मुकाबला


इधर, नीतीश सरकार में ही सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे खानपुर प्रखंड प्रमुख सन्नी हजारी ने भी शुक्रवार को पटना स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के सामने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. सन्नी हजारी ने कहा कि "पार्टी हमें जो काम देगी, उसे पूरा करेंगे. पार्टी अगर समस्तीपुर से अपना उम्मीदवार बनायेगी तो हम चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं".


बेटे के लिए एलजेपीआर से टिकट चाहते थे हजारी


समस्तीपुर से अगर कांग्रेस सन्नी हजारी को चुनाव मैदान में उतारती है, तो नीतीश के दो मंत्रियों के बीच सीधी लड़ाई की संभावना बन जाएगी. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो टिकट की डील तय होने के बाद ही सन्नी हजारी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. सूत्र तो यह भी बताते हैं कि मंत्री महेश्वर हजारी अपने बेटे सन्नी को पहले एलजेपीआर का टिकट दिलाने की कोशिशों में लगे थे. उन्होंने अपने बेटे के साथ दिल्ली जाकर चिराग पासवान से मुलाकात भी की थी, लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो सके और उनके बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया.  


चिराग ने अशोक चौधरी की बेटी पर जताया भरोसा


मंत्री महेश्वर हजारी चिराग पासवान के निकट संबंधी भी हैं, लेकिन चिराग पासवान ने सन्नी हजारी को टिकट नहीं देकर मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद जदयू सहित एनडीए गठबंधन के नेता व कार्यकर्ता शांभवी को जिताने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं, महेश्वर हजारी खुलकर अपने बेटे के लिए प्रचार और मोर्चाबंदी नहीं कर सकते, लेकिन पर्दे के पीछे से महेश्वर हजारी बेटे को सांसद बनाने के लिए मोर्चा संभालेंगे, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. फिलहाल समस्तीपुर सीट से जदयू के दो बड़े नेताओं के बेटे और बेटी की किस्मत की चाबी अब जनता के हाथ में है. 


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