समस्तीपुर: मोहनपुर ओपी थानाध्यक्ष नंदकिशोर यादव की हत्या मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. घटना में शामिल चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. घटना में प्रयुक्त आर्म्स और ट्रक भी बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार बदमाशों में नालंदा जिले के श्यान बिगहा का विकास कुमार, गराय बिगहा का रईस, भवानी बिगहा का धनंजय यादव और खुशरुपुर का रवि कुमार शामिल है. पुलिस ने सबको घटनास्थल पर ले घटना के दिन के बारे में समझा कि कैसे क्या हुआ था. सोमवार (21 अगस्त) को एसपी विनय तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले में मीडिया को जानकारी दी.
विनय तिवारी ने बताया कि नालंदा जिला के करायपरसुराय थाना क्षेत्र के 30-32 लोगों का एक गिरोह है जो भैंस की चोरी करता है. गिरोह में भवानी बिगहा, परसापर, श्यान बिगहा सहित चार-पांच गांव के लोग शामिल हैं. पूरे गांव में बड़ी संख्या में भैंस चोर का एक संगठित गिरोह है. यह अपने पास ट्रक, पिकअप, बोलेरो जैसी गाड़ियां रखते हैं.
कैसे काम करता है ये गिरोह?
एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्यों का काम है कि वह पहले पता लगाते हैं कि उन्हें ज्यादा संख्या में भैंस कहां मिलेगा. जहां इन्हें घटना को अंजाम देना है वहां के लोगों से संपर्क करते हुए भौगोलिक स्थिति का पता करते हुए मुआयना भी करते हैं. जहां घटना करनी होती है वहां शाम के आठ बजे ही पहुंच जाते हैं और ट्रक को बालू या रेत के टीले के पास खड़ी कर देते हैं. टीम के अन्य लोग बोलेरो या पिकअप से वहां से पहले घूम कर रेकी कर लेते हैं. भैंस को चुराने के बाद उसे बालू के सहारे ट्रक पर चढ़ाकर उसे भेज स्वयं भी पिकअप व अन्य गाड़ियों पर चढ़कर भाग निकलते हैं. गैंग में चार लोग हथियार भी रखते हैं. इनका काम है कि अगर गांव के लोग जग जाएं तो हवाई फायरिंग करते हुए सभी साथियों को सुरक्षित निकालना है.
पहली बार समस्तीपुर में पहुंचे थे चोरी करने
यह गिरोह उजियारपुर थाना क्षेत्र के शहबाजपुर गांव में 14 अगस्त की रात पहली बार पहुंचा था. इससे पूर्व यह गिरोह बिहार के गया, जहानाबाद, शेखपुरा, मोतिहारी, सीतामढ़ी आदि जिला में भैंस चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है. मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र का एक व्यक्ति जो इनका लाइनर है उससे इनलोगों ने समस्तीपुर में संपर्क किया था. ये पहले इनके गैंग में शामिल था और नालंदा में ही रहता है. 9 से 13 अगस्त तक चोरों ने मोहनपुर ओपी, पटोरी और उजियारपुर में भैंस चोरी की घटना को अंजाम दे चुके थे.
घटना के दिन पहुंचे थे 32 सदस्य
एसपी विनय तिवारी ने गिरोह के बारे में यह भी बताया कि 14 अगस्त की रात घटनास्थल पर 32 लोग मौजूद थे. उजियारपुर में गांव के लोगों के जग जाने से इनके द्वारा हवाई फायरिंग भी की गई थी. भैंस चुराने आने की सूचना पर मोहनपुर ओपी थानाध्यक्ष नंदकिशोर यादव इनका पीछा कर रहे थे. उन्हें गिरोह के सदस्यों के संख्या बल का सही अंदाजा नहीं लग सका. बावजूद वह दो चोर को अपनी गिरफ्त में ले लिए. पहले चोर के साथियों ने हवाई फायरिंग की. इसके बाद चोर ने उनके सिर में बाईं आंख के ऊपर गोली मार दी. इलाज के दौरान वह शहीद हो गए.
पूछताछ में क्या पता चला?
गिरफ्तार चोरों ने पूछताछ में यह बताया कि करायबाजार में दो व्यक्ति हैं. जो भैंस दुधारू नहीं होती हैं उसे कटने भेज देते हैं और जो दुधारू होती हैं उसे महिमा गांव और ग्वाल बिगहा गांव में बेच देते हैं. पुलिस ने उनको भी चिह्नित करते हुए स्थानीय थाने को इसकी सूचना दे दी है. घटना में शामिल अन्य चोरों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम छापेमारी कर रही है.
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