पटना: सुल्तानगंज-खगड़िया के लिए गंगा नदी पर बन रहे पुल का तीन पाया रविवार (4 जून) को ध्वस्त हो गया. अब इस पर बिहार में राजनीति पूरी तरह तेज हो गई है. बीजेपी हर एंगल पर नीतीश सरकार (Nitish Government) को घेरने में लगी है. सोमवार (5 जून) को इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) और पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन (Nitin Nabin) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पुल ध्वस्त होने पर दोनों नेताओं ने महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Sarkar) पर हमला बोला.


सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि यह पुल ध्वस्त हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन है. 2014 में नीतीश कुमार ने खुद पुल की आधारशिला रखी थी. इसके बाद काम शुरू हुआ. उस वक्त पथ निर्माण विभाग नीतीश कुमार के हाथ में था. ठेकेदार का चयन भी उन्होंने ही किया था. एक साल पहले अप्रैल 2022 में जब पहली बार पुल गिरा था तो आईआईटी रुड़की ने रिपोर्ट दी थी. उस रिपोर्ट में यह बात आई थी कि जो स्ट्रक्चर है उसमें कुछ कमियां हैं. फिर सवाल यह उठता है कि निर्माण कार्य चालू कैसे कर दिया गया?


सम्राट चौधरी बोले- हमलोग हाई कोर्ट जाएंगे


प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को दो ऑप्शन दिया. सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार पर सीधा आरोप लगाता हूं कि उनकी देखरेख में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो चुका है. क्या यही नीतीश कुमार का विकास मॉडल है? इसका भी उनको जवाब देना चाहिए. सम्राट चौधरी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के सिटिंग जज से इसकी जांच कराएं या सीबीआई से इसकी जांच कराएं. जिस तरह रेल हादसे की जांच सीबीआई द्वारा केंद्र सरकार करवा रही है उसी तरह इसकी जांच हो. सम्राट चौधरी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर बिहार सरकार सही ढंग से जांच नहीं कराती है तो हम लोग हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.


नितिन नबीन ने तेजस्वी यादव को घेरा, कहा- खुद सर्टिफिकेट देते हैं


बीजेपी की पीसी में मौजूद पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि पुल की डिजाइन को 2016 में फाइनल कर लिया गया था, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जब अप्रैल में पुल टूटा और जांच रिपोर्ट आ गई तो काम क्यों नहीं बंद कराया? तेजस्वी यादव ने अक्टूबर 2022 में काम को चालू करवा दिया तो क्या उस कमियों  को दूर किया गया था? आखिर किस आधार पर निर्माण चालू किया गया?


नितिन नबीन ने कहा कि इसी वर्ष मार्च महीने में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा और जेडीयू के विधायक डॉ. संजीव ने सदन में सवाल उठाया था तो तेजस्वी यादव ने कहा था कि आप लोग निश्चिंत रहिए काम बहुत अच्छे ढंग से हो रहा है. कोई भ्रष्टाचार नहीं हो रहा. उस वक्त तो तेजस्वी यादव ने सदन में सर्टिफिकेट दे दिया, लेकिन तेजस्वी यादव ने कल (रविवार, 4 जून) खुद संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि पहली वाली डिजाइन में फॉल्ट था. इस कारण अब उस पुल को तोड़कर दूसरी डिजाइन का पुल बनाने का निर्णय लिया गया है. नितिन नबीन ने सवाल करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि डिजाइन में फॉल्ट था तो फिर काम क्यों चालू करवाए थे? काम चालू करवाने के पीछे आपकी क्या मंशा थी? 1700 करोड़ की योजना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव इसका जवाब दें नहीं तो हम लोग इन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं.


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