Teacher Candidate Protest: शिक्षक अभ्यर्थियों को मिला BJP का साथ, गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च का किया एलान
Bihar Teacher Recruitment News: बिहार शिक्षक भर्ती के मुद्दे को लेकर बीजेपी के प्रदेश सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने नीतीश सरकार को घेरा.
पटना: शिक्षक अभ्यर्थी नीतीश सरकार (Nitish Kumar) की डोमिसाइल नीति का विरोध (Teacher Candidate Protest) कर रहे हैं. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजधानी पटना में प्रदर्शन किया. वहीं, शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में अब बीजेपी (BJP) उतर गई है. बीजेपी के नेता 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च करेंगे. इस मार्च में बीजेपी के सभी विधायक-विधान पार्षद शामिल रहेंगे. इसकी जानकारी बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा (Vijay Sinha) ने बीजेपी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर दी.
सीटेट और एसटीईटी अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति हो- सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी ने कहा कि 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा तक बीजेपी मार्च करेगी. 20 लाख रोजगार महागठबंधन सरकार दे, यह मांग करेंगे. साल भर होने जा रहा, लेकिन महागठबंधन सरकार यह वादा पूरा नहीं की. एसटीईटी, सीटेट और टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थियों को बीपीएससी के जरिए परीक्षा लेकर नियुक्त न किया जाए. इनकी सीधी नियुक्ति होनी चाहिए. यह लोग पहले ही परीक्षा पास कर चुके हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों को हक दिलाकर रहेंगे. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को सैलरी दी जाए. भ्रष्टाचार में बिहार डूबा है. खगड़िया में पुल गिरा. बरसात में सड़कें धंसी. यह सब मुद्दों को भी मार्च में उठाएंगे.
गांधी मैदान से लेकर विधानसभा तक उठाएंगे मुद्दा- विजय सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि शिक्षकों का अपमान किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कहते हैं कि अंग्रेजी, विज्ञान, गणित में कॉम्पीटेंट अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं. सीट खाली रह जाती थी, जिसके बाद सरकार ने शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन किया है. शिक्षा मंत्री बिहार का अपमान वह कर रहे हैं. शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही. शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन पर संसोधन हो रहा ताकि बहाली फंसाया जा सके. 13 जुलाई को गांधी मैदान से लेकर विधानसभा तक शिक्षक अभ्यर्थियों का मुद्दा उठाएंगे. महागठबंधन सरकार 20 लाख रोजगार का वादा पूरा नहीं की. यहां अघोषित आपातकाल है. अपने हक की आवाज उठाने वालों को सरकार जेल भेज देती है.
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