पटना: बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने शनिवार को दिए अपने बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रतिक्रिया पर कहा है कि मुख्यमंत्री का ‘राजनीतिक तौर पर’ के शब्द का अर्थ नहीं समझना दुर्भाग्यपूर्ण है. कभी बीजेपी (BJP) को खत्म कर देने का संकल्प लेने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी कोई व्यक्तिगत लड़ाई-झगड़ा न थी और न है. उनकी लड़ाई सिद्धांत और विचारधारा से है. किसी बयान को तोड़-मरोड़ कर के भी वे अब दोबारा बिहार की जनता का भरोसा हासिल नहीं कर सकते हैं. 


नीतीश कुमार पर साधा निशाना


अपने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा है कि सिद्धांत और नीतिविहीन राजनीति करने वाले नीतीश कुमार को 'राजनीतिक तौर पर मिट्टी में मिलाने’ का वे कमिटमेंट करें लेकिन मुख्यमंत्री उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर अपनी राजनीतिक हताशा और निराशा को दर्शा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 19 फरवरी, 2014 को दिए गए अपने उस बयान का याद करना चाहिए, जब उन्होंने कहा था कि 'रहे या मिट्टी में मिल जाए. 


'बीजेपी के दरवाजे बंद है'


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार का अब बीजेपी के साथ जाना संभव नहीं है' यह अलग बात है कि अपनी पलटीमार राजनीति के तहत 2017 में एक बार फिर उन्होंने पलटी मारी और बीजेपी के साथ आ गए. अब जब बीजेपी के दरवाजे उनके लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी घोषणा कर दी है तो अब यह बिलकुल स्पष्ट है कि बीजेपी उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार करने वाली नहीं है.


'बिहार के मतदाता सबक सिखाएंगे'


बीजेपी नेता ने कहा कि कुर्सी की अवसरवादी राजनीति करने वाले नीतीश कुमार बिहार की जनता की नजरों से भी गिर चुके हैं. उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है. बीजेपी उनसे राजनीतिक तौर पर लड़ रही है और पूरी मजबूती से आगे भी लड़ती रहेगी. बिहार की जनता का विश्वास  बीजेपी के साथ है. जनता के साथ विश्वासघात करने वाले नीतीश  कुमार को बीजेपी हर मोर्चे और मुद्दे पर बेनकाब करेगी और आने वाले चुनावों में बिहार के मतदाता उन्हें सबक सिखाएंगे.


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