पटना: बिहार सरकार में मंत्री सम्राट चौधरी के मुख्यमंत्री वाले बयान पर विवाद जारी है. विपक्ष के नेता बिहार सरकार को अंतर्कलह के मुद्दे पर घेर रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि एनडीए गठबंधन में लंबे समय से अंतर्कलह है और इस वजह से खुद ही सरकार गिर जाएगी. हालांकि, विवादित बयान देकर सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ाने के बाद अब मंत्री सम्राट चौधरी ने सफाई दी है.
सभी पार्टियों के अपनी-अपनी विचारधारा
सम्राट चौधरी ने कहा, " सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है. मैंने ये कहा था कि ये चार पार्टियों के गठबंधन की सरकार है और सभी पार्टियों की अपनी-अपनी विचारधारा है. वो अपनी-अपनी विचारधारा को लाना चाहते हैं. ये स्वाभाविक भी है कि सभी अपनी पार्टी को मजबूत करेंगे."
मंत्री ने कहा, " हम बीजेपी को मजबूत करने बैठे हैं और यही मेरा दायित्व है. इसलिए पार्टी को नंबर वन करने के लिए हमें जो करना है हम करेंगे. अभी 74 सीट मिली है और इससे अधिक सीट मिले तो हमें क्या दिक्कत है. ये जनता पर निर्भर करता है. लेकिन हम संगठन को और मजबूत करेंगे."
नीतीश कुमार ने कही थी ये बात
सम्राट चौधरी ने कहा, " नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद ही ये बयान दिया था कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था. देश के प्रधानमंत्री के कहने पर मुख्यमंत्री बना हूं. इसमें दिक्कत कहां है. देश के प्रधानमंत्री और बीजेपी के नेता के कहने पर ही वो मुख्यमंत्री बने हैं, इसमें दो मत नहीं है. ऐसे में अब बीजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सरकार चलाने का काम करेगी."
क्या सरकार गिर जाएगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पांच साल सरकार क्यों नहीं चलेगी. 1996 से ही एनडीए ने नीतीश कुमार को नेता माना है. 2000 में मुख्यमंत्री माना, 2005 में मुख्यमंत्री माना, 2010 में मुख्यमंत्री माना, 2020 में चुनाव से पूर्व ही मुख्यमंत्री माना. इसलिए नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता है. एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सरकार चला रही है और आगे के दिनों में भी मजबूती से चलाते रहेंगे.
जेडीयू के पीएम उम्मीदवार नीतीश कुमार
उपेंद्र कुशवाहा के पीएम मटेरियल वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के लिए प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं, इसमे कोई इश्यू ही नहीं है. लेकिन बीजेपी और एनडीए के लिए एक आज की तारीख में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और आगे के दिनों में भी देश के प्रधानमंत्री वही रहेंगे. अभी कोई वैकेंसी नहीं है. पीएम मोदी 2024 तक प्रधानमंत्री हैं और अगर किसी को प्रधानमंत्री बनना है, तो उसे आगे भी दस साल तक इंतजार करना पड़ेगा.
जातीय जनगणना करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जेडीयू या नीतीश कुमार अपनी पार्टी की बातों को रख रहे हैं. अपनी बातों रखने के लिए वो स्वतंत्र हैं. इसलिए उनका जो वक्तव्य है प्रधानमंत्री उसपर विचार करेंगे, क्या मांग है? क्या हो सकता है इसपर विचार वो करेंगे.
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