Samrat Choudhary: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार लगातार बिहार की मदद कर रही है. इसी कड़ी में 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार केंद्र सरकार ने बिहार के ग्रामीण स्थानीय निकायों के विकास के लिए बंधित अनुदान के रूप में 1,170 करोड़ रुपये जारी किए हैं.


केंद्रीय अनुदान की है पहली किस्त 


बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिलने वाले केंद्रीय अनुदान की पहली किस्त है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा. केंद्र की इस अनुदान राशि का उपयोग स्थानीय निकायों के तरफ से दो तरह की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जाएगा. पहला, घरेलू अपशिष्ट, मानव मल, मल कीचड़ प्रबंधन और उपचार सहित खुले में शौच से मुक्ति दिलाने वाले कार्य कराए जाएंगे , जिससे गांव में स्वच्छता बढेगी.


चौधरी ने बताया कि बंधित अनुदान की राशि से जो दूसरे काम होंगे, उनमें पीने के पानी की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण को प्राथमिकता दी जाएगी.


ग्रामीण क्षेत्र में होगा खर्च- सम्राट चौधरी


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हर पंचायत जहां तक ​​संभव हो, इन दोनों महत्वपूर्ण सेवाओं में से प्रत्येक के लिए इन अनुदानों का आधा हिस्सा खर्च करेगी. लेकिन, जिस पंचायत ने एक श्रेणी की जरूरतों को पूरा कर लिया है, वह दूसरी श्रेणी के लिए भी उस धन का उपयोग कर सकती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे बिहार के ग्राम पंचायतों को विकास करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को जहां लाभ मिलेगा वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता को बल मिलेगा.


बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार के ग्रामीण और शहरी निकायों के लिए 1,601 करोड़ रुपये जारी किए थे. यह राशि वित्तीय वर्ष 2024 -25 में मिलने वाले केंद्रीय अनुदान की पहली किस्त है. इससे ग्रामीण और छोटे शहरों में रोजगार के अवसर बढेंगे. हर पंचायत इस पैसे को आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार विकास कार्यों पर खर्च कर सकेगी.


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