अगर मुम्बई पुलिस जांच में सक्षम होती तो 45 दिन में कुछ मूवमेंट करती-संजय झा
मंत्री संजय झा ने कहा कि अगर मुंबई पुलिस ने जांच किया होता तो यह परिस्थिति नहीं आती. मुंबई पुलिस की जांच पर अब किसी को ट्रस्ट नहीं है.
दरभंगा: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के बयान का पलटवार करते हुए कहा, " अगर मुम्बई पुलिस जांच में सक्षम होती तो 45 दिन में कुछ मूवमेंट करती. न्याय के लिए पूरे देश से आवाज उठ रही है, लेकिन सबसे ज्यादा अगर किसी को न्याय चाहिए तो उनके पिताजी को चाहिए जो 74 साल के हैं."
संजय ने कहा, " महाराष्ट्र में कोई एफआईआर नहीं हुआ था, तो उन्होंने पटना में एफआईआर किया. मामले की जांच शुरू हुई, सुशांत के पिता ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की तो बिहार सरकार ने मामले की जांच को सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई के सॉलिस्टर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर बोला कि हमलोगों को बिहार सरकार ने जो केस रेफर किया है, हम आगे उसकी जांच करेंगे. सीबीआई ने एफआईआर भी कर दिया, जो बिहार सरकार ने रेकोमेंड किया है, उसके बाद इसमें क्या डिबेट बचता है?
उन्होंने पूछा, " क्या छुपाना चाहते हैं ? आप क्यों करना चाहते हैं जांच ? क्या किसी को बचाने के लिए जांच करना चाहते हैं ?" उन्होंने कहा कि अगर मुंबई पुलिस ने जांच किया होता तो यह परिस्थिति नहीं होती. आपके जांच पर अब किसी को ट्रस्ट नहीं है. आप एक आईपीएस अफसर को जो जांच करने गया उसको क्वारंटीन कर देते हैं. तब आपकी मंशा लोगों को समझ आ रही है. अंततः सीबीआई को जांच सौंपी गई और आप सीबीआई जांच से भाग क्यों रहे है? यह पुलिस वाले भी रडार में आएंगे क्या? जो इस चीज से भाग रहे हैं. सीबीआई जांच हो और दूध का दूध पानी का पानी हो यही पूरा देश चाहता है.
महाराष्ट्र पुलिस के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, " यह मैं नहीं कह सकता हूं लेकिन एक चीज तो दिखाई पड़ रही है कि कुछ ना कुछ छुपाने का काम हो रहा है. अगर मामला सीबीआई ने एक्सेप्ट कर लिया, सुप्रीम कोर्ट में मैटर है, उसके बाद क्या डिबेट बचता है. आपको क्यों परेशानी है सीबीआई जांच से? किसको बचाना चाहते हैं आप? किस को प्रोटेक्ट कर रहे हैं?"
उन्होंने कहा, " अब तो यह भी बात आ सकती है कि 45 दिन आपने किसको बचाया? कहां-कहां सबूत नष्ट किए? अगर जांच का दायरा बढ़ेगा तो यह सवाल तो उठेगा ही ना कि 45 दिन आपने किस-किस को बचाया? सबूत कहां-कहां नष्ट किए? क्या-क्या छुपाया? सिर्फ उन्हीं लोगों का नाम तो आएगा नहीं जिन पर FIR हुआ है. अब तो रडार थोड़ा और बड़ा हो सकता है. यही बात है कि लोग डर रहे हैं."
मालूम हो कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सुशांत आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर कहा था कि मुंबई पुलिस सही तरह से जांच कर रही है और मुंबई पुलिस पूरी तरह से ये जांच करने में सक्षम है और काम अच्छे से कर रही है. सीबीआई को केस देने के कोई कारण नहीं था. उनके इसी बयान का पलटवार करते हुए संजय झा ने यह बातें कही हैं.