गया: सारण से तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के चुनाव लड़ने के बयान पर गया में सोमवार को बिहार के पूर्व मंत्री सह 'हम' प्रमुख संतोष कुमार सुमन (Santosh Kumar Suman) ने कहा कि पब्लिक का डिमांड है कि नहीं? यह तो नहीं पता, लेकिन संविधान ने हर एक व्यक्ति को अधिकार दिया है कि चुनाव कहीं से भी कोई लड़ सकता है. इसकी स्वतंत्रता है. तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ना चाहते हैं तो यह उनकी इच्छा है. बाकी जनता फैसला करेगी कि वोट के माध्यम से किसको प्रतिनिधि चुनना चाहती है. जनता ने तो उनको नहीं बोला है यह उनकी इच्छा है कि चुनाव लड़े. आने वाला समय में पीएम नरेंद्र मोदी की आंधी और हवा है और जनता ने यह फैसला भी कर लिया है कि वोट करना है और फिर से नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना है.


आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई आजमाइश कर रहे हैं तो करने दीजिए. जो उनका कृत्य है जिस हिसाब से काम करते हैं जनता उसे समझती है हमें नहीं लगता है कि वह बिहार के किसी भी इलाके से चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें शिकस्त और हार का सामना करना पड़ेगा.


'किसी के धर्म पर कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है'


आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर सिंह और मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव के बयान पर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हमारा सेक्युलर देश है और किसी भी धर्म को कई मानता है ये उनकी आजादी है. लोगों को श्रद्धा है, आस्था है. किसी के धर्म पर कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. व्यक्तिगत राय को अपनी राय नहीं डाल सकते है. लाखों-करोड़ों लोगों के धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें अपनी टिप्पणी को वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए. वहीं, सुरेंद्र प्रसाद यादव पर कहा कि शासन प्रशासन में समन्वय होना चाहिए. एक मंत्री जो जवाबदेही और एक विभाग के संवैधानिक पद पर है उनके अधीनस्थ कई अधिकारी होते हैं. उसको जनता में बीच उजागर नहीं किया जा सकता है.


लोकतंत्र में गाली का कोई स्थान नहीं है- संतोष सुमन 


आगे 'हम' प्रमुख ने कहा कि कोई समस्या है और अगर कोई पदाधिकारी नहीं सुनता है तो उसे सीएम से कह सकते हैं, लेकिन यह नहीं कह सकते हैं कि गाली देते हैं तब अधिकारी सुनता है. गाली देने का मतलब है कि आप जंगलराज की याद दिला रहे हैं और जंगलराज के आप नायक थे. वह नायक दबे हुए थे, कुंठित थे. सीएम नीतीश कुमार ने जो 15 सालों में दबाने का काम किया फिर अब आपकी कुंठा जागृत होने लगी फिर इसी तरह से लाठी तंत्र चलाना चाहते हैं. जंगलराज को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं. लोकतंत्र में गाली का कोई स्थान नहीं है. ऐसे मंत्री पर बिहार सीएम नीतीश कुमार को संज्ञान लेना चाहिए और तुरंत बर्खास्त करनी चाहिए.


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