पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद बाद अब जेडीयू की प्रतिक्रिया भी आ गई है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने मंगलवार (13 जून) की शाम मीडिया से कहा कि संतोष मांझी (Santosh Manjhi) ने त्यागपत्र दिया है. त्यागपत्र की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने स्वीकार कर लिया है. पत्र में लिखा गया है कि निजी कारणों से अब हम आगे साथ चलने में असमर्थ हैं. ऐसे में अब हमलोग मानते हैं कि उन्होंने महागठबंधन छोड़ दिया.
ललन सिंह ने कहा कि अब उनकी जगह पर किसको मंत्री बनाया जाएगा ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. एक सवाल पर आरोप लगा है कि विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था इस पर ललन सिंह ने कहा कि अगर आप पार्टी अलग चला रहे हैं और हम लोगों ने यह कहा हो कि विलय कर लीजिए, अलग-अलग छोटी-छोटी दुकान चलाने से क्या फायदा तो इसमें बुराई क्या है? तो उन्होंने नहीं किया. आगे उनकी किससे-किससे क्या बात हो रही थी ये वो ही बता सकते हैं.
कोई ये नहीं कह सकता कि सम्मान नहीं मिला: तेजस्वी
इस मौके पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थी. तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाने का काम किया. यहां तक कि बिहार का मुख्यमंत्री तक बनाया. हमलोगों के साथ जब थे तो अपने कोटे से उनके बेटे संतोष मांझी को एमएलसी बनाया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो संतोष मांझी को मंत्री बनाया. अभी भी कोई ये नहीं कह सकता है कि सम्मान नहीं दिया गया. हमेशा सम्मान दिया गया.
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब पुनः हमलोग महागठबंधन में आए तो उसमें भी संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया. त्यागपत्र में साफ लिखा गया है कि निजी कारणों से अब साथ नहीं चल सकते हैं. अब उनकी क्या सोच है इस पर तो हम कुछ नहीं कह सकते हैं. बता दें कि मंगवार की शाम सीएम आवास पर बैठक के बाद बाहर निकलकर ललन सिंह और तेजस्वी ने यह बयान दिया है.
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