पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बेटे संतोष मांझी (Santosh Manjhi) ने मंगलवार (13 जून) को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 23 जून को एक तरफ विपक्षी एकता की पटना में बैठक होने वाली है तो दूसरी ओर इस बैठक से पहले ही संतोष मांझी के इस्तीफे से सियासी गलियारे में भूचाल सा आ गया है. इस बीच महागठबंधन की ओर आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (Shakti Singh Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है.


'एनडीए में जाएं या जो करें, फर्क नहीं पड़ेगा'


शक्ति सिंह यादव ने कहा कि संतोष सुमन को लालू यादव ने एमएलसी बनाया. नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया. इस्तीफे से महागठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उनके पिता जीतन मांझी को नीतीश कुमार ने ही सीएम बनाया था. इन लोगों की पार्टी (HAM) को 23 को विपक्षी दलों की होने वाली बैठक में आमंत्रित भी नहीं किया गया था. यह लोग बार बार गठबंधन बदलते हैं. एनडीए में फिर जाते हैं या जो करें फर्क नहीं पड़ेगा.


लगातार जीतन राम मांझी दिखा रहे थे तेवर


आपको बता दें कि 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव को लेकर मांझी की पार्टी लगातार कह रही थी कि वह पांच सीट पर लड़ना चाहती है. खुद जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष मांझी यह बात कह चुके हैं. इसी बीच जीतन राम मांझी नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके आवास पर भी गए थे. मांझी जरूर यह कहते थे कि वह हर समय नीतीश कुमार के साथ हैं. बीते सोमवार (12 जून) को ही मांझी ने मीडिया के सवालों के जवाब में हंसते हुए कहा था कि वह अब एक सीट पर भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.


अब अचानक एक दिन बाद बेटे के इस्तीफे से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. संतोष सुमन ने मंगलवार को इस्तीफे के बाद साफ कहा कि अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं है. अब बीजेपी और उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि महागठबंधन का हाल यही होना है. संतोष मांझी का इस्तीफा यह दर्शाता है कि महागठबंधन में कितनी दरार है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह तो ट्रेलर है. द एंड वाला सीन भी आ ही जाएगा.


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