पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद विभागों का बंटवारा भी होने लगा है. सोमवार (29 जनवरी) को नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) की बैठक भी हुई. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बेटे संतोष सुमन (Santosh Suman) को नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी दी है. सोमवार को संतोष सुमन विभाग की सरकारी गाड़ी से कैबिनेट की बैठक में पहुंचे. हालांकि विभागों के बंटवारे का एलान नहीं हुआ है. रविवार को संतोष सुमन ने नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी. पिछली बार जब बीजेपी के साथ नीतीश कुमार थे तो उस वक्त संतोष सुमन को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया था.


कैसे है ये बड़ी जिम्मेदारी?


दरअसल संतोष सुमन को ग्रामीण कार्य विभाग देकर नीतीश कुमार ने कहीं ना कहीं खुश करने की कोशिश की है. बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना जल जीवन हरियाली के लगभग सभी काम ग्रामीण कार्य विभाग के तहत ही होते हैं. प्रखंड में पदस्थापित बीडीओ के तहत गांव में विकास के काम किए जाते हैं और उसका मंत्रालय ग्रामीण कार्य विभाग है. ऐसे में नीतीश कुमार ने संतोष सुमन को अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट की बड़ी जिम्मेदारी दी है.


बता दें कि पहले यह विभाग काफी लंबे समय से नीतीश कुमार के करीबी रहे मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार के पास था. अब नीतीश कुमार ने अपने कोटे के मंत्री से यह पद लेकर संतोष सुमन को सौंप दिया है. जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार में पहले से भी काफी प्रेम रहा है. जब नीतीश कुमार 2022 में एनडीए को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए थे तो जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार के साथ ही महागठबंधन में शामिल हो गए थे. हालांकि जब नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन की नींव रखी उसके बाद उन्होंने यह आरोप लगाया था कि जीतन राम मांझी इधर की बात उधर करेंगे और इसके लिए उन्हें उनकी पार्टी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) को जेडीयू में विलय करने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद जीतन राम मांझी नीतीश कुमार से अलग हो गए थे और एनडीए में शामिल हो गए थे.


दोनों के बीच तल्खियां भी काफी बढ़ गई थीं. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करते हुए जीतन राम मांझी को काफी अपमानित भी किया था. काफी सुर्खियों में यह मुद्दा रहा था. अब संतोष सुमन को ग्रामीण कार्य विभाग सौंपकर नीतीश कुमार ने कहीं न कहीं बीते हुए विवादों को खत्म करने का प्रयास किया है.


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