पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब (Saran Hooch Tragedy) पीने से 84 लोगों की मौत हो गई है. इसको लेकर पूरे बिहार में बवाल मचा हुआ है. इस मुद्दे पर खूब राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. छपरा शराब कांड को लेकर प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, पोस्टमार्टम को लेकर उठ रहे सवाल पर डीएम राजेश मीणा (DM Rajesh Meena) ने एबीपी को बताया कि बिना पोस्टमार्टम शव जला देने की जानकारी मिली है. इसकी जांच चल रही है. इस बातचीत के दौरान डीएम ने जहरीली शराब से अब तक सिर्फ 38 मौतें होने की बात कही.


संग्रहीत शराब पर कार्रवाई जारी- एसपी


सारण में अभी भी मौतों का सिलसिला जारी है. इस घटना को लेकर पूरे सारण में कोहराम मचा हुआ है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष काफी आक्रमक हो गया है. हर तरफ से विपक्ष सरकार को घेर रहा है. सारण कांड को लेकर विपक्ष सरकार पर कई आरोप लगा रहा है. विपक्ष का कहना है कि सरकार मौतों का आंकड़ा छुपा रही है और प्रशासन अभी भी सुस्त है. जिले में कई जगह अभी भी शराब की बिक्री हो रही है. इसको लेकर सारण के एसपी संतोष कुमार ने एबीपी को बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि छपरा में अभी भी संग्रहीत की हुई शराब पी जा रही है. इसको लेकर छापामारी चल रही है. पिछले चार दिनों में शराब के कारोबार से जुड़े 270 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.


एक्शन में पुलिस


वहीं, बता दें कि सारण में जहरीली शराब से मौत के बाद प्रशासन एक्शन में दिख रहा है. छपरा के पुलिस अधीक्षक ने सख्त एक्शन लेते हुए इसुआपुर थानाध्यक्ष संजय राम, चौकीदार हरि राय, दफादार कृष्षा सिंह और मशरख थाना के चौकीदार रामनाथ मांझी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.  वहीं मशरख थानाध्यक्ष एवं एक अन्य चौकीदार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. इसके अलावा साथ ही कई अन्य पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की गतिविधि पर सघन जांच की जा रही है.


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