पटना: छपरा में जहरीली शराब (Saran Hooch Tragedy) से 75 से ज्यादा लोगों की मौत दिसंबर महीने में हुई थी. इस मामले को लेकर अभी भी खूब राजनीति हो रही है. बीजेपी नीतीश सरकार (Nitish Kumar) पर मुआवजे को लगातार निशाना साध रही है, लेकिन नीतीश सरकार मुआवजा देने से साफ मना कर चुकी है. वहीं, मुआवजा और एसआईटी (SIT) से जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर आगे सुनवाई करने से मना कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा
सारण में जहरीली शराब कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने याचिकाकर्ता एनजीओ आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन के वकील से कहा कि इस मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट सक्षम है. आप वहां याचिका दाखिल कर सकते हैं.
छपरा शराबकांड पर राजनीति
बता दें कि दिसंबर के शुरुआती दिनों में जहरीली शराब से सारण में कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद बिहार की राजनीति गरमा गई थी. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को घेर रही थी. बीजेपी पीड़ित परिवार वालों के लिए मुआवजा की मांग कर रही थी. इस मांग को लेकर सरकार और बीजेपी आमने-सामने थी. वहीं, मुआवाजा के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार का कहना था कि प्रदेश में शराबबंदी है, ऐसे में इस प्रदेश में शराब सेवन गैर कानूनी है. किसी को भी मुआवजा नहीं मिलेगा. सीएम के इस बयान के बाद बीजेपी गोपालगंज शराब कांड 2016 की याद दिलाई लेकिन सरकार मुआवजे के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. वहीं, सोमवार को सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत सारण पहुंचे. सारण में सीएम की यात्रा को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष विजह सिन्हा ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला.
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