बिहार पुलिस का देश में जलवा, चर्चा में आए छपरा के SP कुमार आशीष, PM मोदी और अमित शाह भी हुए फैन
IPS Kumar Ashish: छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव में तीन लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में 50 दिनों के अंदर दोषियों को सजा दिलाई गई थी. नए बीएनएस कानून के तहत यह पहली सजा थी.
Saran SP Kumar Ashish: सारण के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष चर्चा में हैं. उन्होंने ऐसा काम किया है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी फैन हो गए हैं. उनकी उपलब्धि के पीछे की वजह है नए कानून बीएनएस (BNS) के तहत केस दर्ज कर स्पीडी ट्रायल चलाकर 50 दिनों के अंदर दोषियों को सजा सुना दी गई.
भुवनेश्वर में रविवार (01 दिसंबर) को आयोजित पुलिस महानिदेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बेहतर पहल बताया. इस मॉडल को सभी जगह पर लागू करने का सुझाव दिया गया. बिहार के डीजीपी आलोक राज के नेतृत्व में बिहार पुलिस की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करने के साथ ही इसे अनुकरणीय बताया गया.
क्या था पूरा मामला?
रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव में तीन लोगों की हत्या की गई थी. 16 जुलाई 2024 को सनकी आशिक अपने एक साथी के साथ अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा था. हालांकि लड़की प्यार नहीं करती थी. सनकी आशिक ने घर जाकर पूरे परिवार पर चाकू से हमला कर दिया था. घटना में पिता और दो नाबालिग बेटियों की मौत हो गई थी. वहीं बच्चियों की मां भी घायल हुई थी लेकिन वह बच गई थी. पुलिस अधीक्षक ने इस केस को गंभीरता से लिया था और 50 दिनों में दोषियों को सजा मिल गई.
#भुवनेश्वर में DGsP/IGsP सम्मेलन मे माननीय प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक के समक्ष आज भारतीय न्याय संहिता BNS में पूरे देश में पहली सज़ा करवाने की चुनौतियों पर प्रेजेंटेशन, सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा #सारण_पुलिस मॉडल की की गई प्रशंसा,… pic.twitter.com/6Kzh78KPXf
— Kumar Ashish, IPS (@ipskumarashish) December 1, 2024
घटना के बाद केस में कैसे क्या हुआ?
- घटना के बाद नए बीएनएस कानून के तहत 14वें दिन ही न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर त्वरित विचारण का अनुरोध किया गया.
- घटना के 19वें दिन न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया.
- 22वें दिन मामले का चार्ज फ्रेम किया गया.
- 27वें दिन से लगातार 44वें दिन तक त्वरित विचारण में प्रत्येक कार्य के दिन गवाही हुई.
- 48वें दिन दोनों आरोपियों को दोषी पाया गया.
- 50वें दिन न्यायालय की ओर से दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया.
- नए बीएनएस कानून के तहत देश में यह पहली सजा हुई थी.
क्या कहते हैं सारण के पुलिस अधीक्षक?
सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि हम लोगों ने काफी तेज गति से अनुसंधान किया था. इसके कारण इतनी जल्दी दोषियों को सजा हो पाई थी. जब हमारे काम की सराहना होती है तो मनोबल बढ़ता है. हौसला काफी बढ़ता है. अपराध करने वालों के लिए भी ये एक मैसेज है कि या तो अपराध छोड़ें नहीं तो पुलिस तेजी से अनुसंधान कर अपराधियों को सजा दिलाने का काम करेगी.
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