Bihar: टूट के कगार पर JDU? अरुण कुमार के बाद अब BJP विधायक नीरज बबलू बोले- CM नीतीश की मानसिक स्थिति ठीक नहीं
Neeraj Kumar Bablu News: सहरसा में छातापुर के विधायक नीरज कुमार बबलू ने सीएम नीतीश कुमार पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि पहले अच्छा सीएम बन जाएं तब गांधी बन जाएं.
सहरसा: पूर्व मंत्री सह छातापुर के विधायक नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने सोमवार (16 अक्टूबर) को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर खूब बरसे. इस सवाल पर कि जेडीयू के लोग नीतीश कुमार को गांधी के रूप में देखते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नीरज कुमार बबलू ने कहा कि जेडीयू की हालत बद से बदतर स्थिति में है. जेडीयू में जो लोग बचे हुए हैं सिर्फ चाटुकारिता करने में लगे हुए हैं कि कहीं कुछ हमको मिल जाए. क्योंकि जेडीयू टूट के कगार पर है.
नीरज बबलू ने कहा कि जब से महागठबंधन में नीतीश कुमार गए हैं तब से उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं. बता दें कि जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने भी हाजीपुर में कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार को लेकर कुछ ऐसा ही बयान दिया था. कहा था कि ललन सिंह खाने में टैबलेट मिलाकर नीतीश कुमार को दे रहे हैं. इससे नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो गई है.
'पहले बेहतर सीएम हो जाएं तब गांधी बनें'
बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गांधी से तुलना करते हैं तो पहले वो बेहतर मुख्यमंत्री हो जाएं तब बाद में गांधी बन जाएं. 2005 से 2010 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेहतर काम किया. पूरे राज्य में नहीं पूरे देश में नाम हुआ. सीएम नतीश कुमार जैसे ही 2010 के बाद वो महागठबंधन में गए उस समय से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ी है. अभी तक वो ठीक नहीं हो पा रहे हैं.
'मोदी की टांग खींचने में लगे हैं नीतीश'
नीरज कुमार बबलू ने कहा, "विकास का काम होना चाहिए वो चौपट हो गया है. सिर्फ षड्यंत्र करने में लगे हुए हैं. जाति को तोड़ने में लगे हैं. पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. अब उनको प्रधानमंत्री से नफरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि नीतीश बाबू बहुत अच्छे हैं, लेकिन इनको कीड़ा काट लिया है. प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी की टांग खींचने में लगे हुए हैं."
'नीतीश कुमार और गांधी में फर्क'
आगे बीजेपी नेता ने कहा कि किसी दूसरे की टांग खींचना गांधी का काम नहीं था. गांधी देश को आगे बढ़ाने में लगे हुए थे. कोई कुर्सी की लालच नहीं थी. सीएम नीतीश कुमार को सबसे बड़ी लालच कुर्सी की है. कुर्सी कुमार और गांधी में धरती-आसमान का फर्क है. दोनों में 36 का आंकड़ा है. गांधी तो कभी हो ही नहीं सकते. एक बेहतर मुख्यमंत्री हो जाएं. यही बिहार के लिए बेहतर बात होगी.
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