रोहतासः स्वास्थ्य विभाग लाख दावे कर ले लेकिन आज भी जिलों में सदर अस्पतालों की व्यवस्था ठीक नहीं है. आए दिन ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं जिससे सरकार के झूठे दावों की पोल खुलती रहती है. सासाराम के सदर अस्पताल (Sasaram Sadar Hospital) से ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जहां ट्रामा सेंटर में मोबाइल की रोशनी में मरीज का इलाज किया जा रहा है. यह पूरा मामला बीते शनिवार का है. बिजली चले जाने के बाद यहां फ्लैश लाइट से इलाज हुआ.


15 मिनट से अधिक देर तक गायब रही लाइट


कई करोड़ की लागत से मॉडल अस्पताल का भवन तो बना दिया गया, लेकिन रखरखाव की स्थिति ऐसी है कि बिजली चली गई तो जेनरेटर स्टार्ट नहीं हुआ. ऐसे में शनिवार को सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में करसेरुआ की रहने वाली 22 वर्षीय रिंकू कुमारी का इलाज मोबाइल का फ्लैश जलाकर किया गया. बताया जाता है कि यहां आए दिन जेनरेटर संचालक लापता रहते हैं. ऐसे में बिजली कटने के बाद समय पर जेनरेटर चालू नहीं होता है और ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती है. मरीज के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में करीब 15 मिनट से अधिक देरी तक बिजली नहीं थी.


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जांच के बाद होगी कार्रवाईः सिविल सर्जन


मरीज के परिजन मोबाइल से लाइट दिखा रहे हैं और डॉक्टर साहब मरीज के नब्ज को अंधेरे में ही टटोल रहे हैं. प्रभारी सिविल सर्जन केएन तिवारी ने बताया कि कभी अचानक लाइट कट जाती है तो मोबाइल की रोशनी से इमरजेंसी में इलाज करना पड़ता है. इस तरह की बातें आ रही हैं, जांच करवाने के बाद इसमें कोई दोषी पाया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी. लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


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