पटना: बिहार में स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थान सोमवार से फिर से खुलेंगे. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद राज्य में शैक्षणिक संस्थान करीब नौ महीने पहले बंद किये गए थे.
ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या में कमी और ठीक होने की दर 97.61 प्रतिशत होने से राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई फिर से भौतिक रूप से शुरू करने को लेकर विश्वास बढ़ा है.
पचास फीसदी होगी संख्या
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रविवार को बताया कि हालांकि कक्षाएं कुल छात्रों के आधे हिस्से के साथ संचालित होंगी और कोरोना वायरस के अन्य दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, राज्य में शनिवार तक कोविड-19 के कुल 2,53,651 मामले सामने आये हैं जिनमें 2,47,579 लोग इससे उबर चुके हैं. इससे राज्य में ठीक होने की दर 97.61 प्रतिशत हो गई है. बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4669 है जबकि मृतकों की संख्या 1403 है.
राज्य सरकार ने सोमवार से खुल रहे शिक्षण संस्थानों में छात्रों और कर्मचारियों द्वारा पालन किए जाने के लिए कोविड-19 सुरक्षा दिशानिर्देशों की एक सूची जारी की है.
बैठक में हुआ फैसला
कक्षा नौ से बारहवीं कक्षा के लिए सरकारी और निजी दोनों स्कूलों सहित शैक्षणिक संस्थानों को चार जनवरी, 2021 से फिर से खोलने का निर्णय 18 दिसंबर, 2020 को संकट प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में लिया गया था.
कक्षा नौ से 12वीं के लिए खुलने वाले स्कूलों में कक्षाएं सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियम के पालन की खातिर 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ चलेंगी। इसके साथ ही परिसर में सबके लिए मास्क अनिवार्य होगा।
कुमार ने कहा, ‘‘सभी छात्रों के लिए परिसर में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है जिसके बिना उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, नौ से 12 तक की कक्षाएं 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ संचालित होंगी ताकि कक्षाओं में सामाजिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके।’’
कोविड नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा
उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के बीच दो-दो मास्क वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को कक्षा में पालन किए जाने वाले कोविड-19 दिशानिर्देशों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
कुमार ने कहा कि संस्थान प्रबंधन अपने परिसरों का सैनेटाइजेशन सुनिश्चित करेगा. कुमार ने कहा, ‘‘स्कूल के अधिकारी इस बात पर ध्यान देंगे कि कोई छात्र कहीं बुखार से पीड़ित तो नहीं है या उसमें वायरस के कोई लक्षण तो नहीं हैं.’’प्रधान सचिव ने कहा कि छात्रों की चिकित्सीय जांच सरकारी स्कूलों में ‘बिना क्रम के’ (रैंडम) आधार पर की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि कोचिंग सेंटरों को कक्षाओं के अंदर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कक्षाएं छात्रों की भौतिक मौजूदगी के साथ शुरू करने की योजना तैयार करनी होगी और क्षेत्रीय अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
बिहार सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एहतियात के तौर पर 13 मार्च, 2020 को सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों, चिड़ियाघरों और सार्वजनिक पार्कों को 31 मार्च तक बंद करने की घोषणा की थी.
राज्यव्यापी लॉकडाउन
राज्य सरकार द्वारा 22 मार्च, 2020 को राज्यव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से शिक्षण संस्थान बंद रहे, इसके बाद 25 मार्च, 2020 को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई.
इससे पहले, राज्य सरकार ने 28 सितंबर, 2020 से नौवीं से बारहवीं कक्षा के स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की थी, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण स्कूल बंद रहे. प्रधान सचिव ने कहा कि 15 दिनों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद 18 जनवरी को आगे निर्णय लेगी.
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