पटनाः बिहार सरकार ने नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए 28 सितंबर से सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को दोबारा खोलने का फैसला किया है.
बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया.


हालांकि आदेश में विद्यार्थियों को कक्षाओं में भाग लेना अनिवार्य नहीं किया गया है. छात्रों को केवल लिखित रूप में अपने माता-पिता या अभिभावकों की ओर से दी गई सहमति पर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति होगी.


एक तिहाई विद्यार्थी कक्षा में बैठ सकेंगे
आदेश में कहा गया है कि केवल 50 प्रतिशत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी स्कूल में दैनिक कार्य भाग लेंगे जबकि एक तिहाई विद्यार्थियों को प्रति दिन कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाए.


माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त सचिव-सह-निदेशक गिरवर दयाल सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से तैयार किए गए कार्यक्रम के अनुसार, एक विद्यार्थी सप्ताह में दो दिन अपनी कक्षाओं में भाग ले सकेगा.आदेश में कहा गया है कि केंटेनमेंट जोन के किसी भी छात्र या शिक्षक को विद्यालय आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


91 फीसदी से अधिक है रिकवरी रेट
बिहार में सोमवार को कोविड-19 मरीजों की संख्या 1,69,856 तक पहुंच गई है. राज्य में अब तक 1,55,824 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. बिहार राज्य में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का रिकवरी रेट 91.74 प्रतिशत पहुंच गया है. बिहार में कोविड-19 के फिलहाल 13,161 सक्रिय मरीज हैं.


यह भी पढ़ें-

IPL 2020 RR vs CSK: राजस्थान ने जीत के साथ की सीज़न की शुरुआत, चेन्नई को 16 रनों से हराया


बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय को VRS मिला, इन्हें बनाया गया राज्य का नया डीजीपी