मधुबनी: नेपाल सरकार ने इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 10 महीने से लगे सील को हटा दिया है. नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता चक्र बहादुर बुढ़ा के मुताबिक भारतीय नागरिकों को नेपाल आने के लिए गृह मंत्रालय ने स्वीकृति दी है. लेकिन इसके साथ ही एक अनिवार्यता कर दी गई है. अब भारतीय नागरिकों को नेपाल से पहले अनुमति लेनी होगी.


भारतीयों को लेनी होगी अनुमति


उन्होंने कहा कि भारतीयों को अब बताना होगा कि वह क्यों नेपाल आना चाहते हैं? उन्हें प्रायोजन के साथ निवेदन पंजीकृत करना होगा. अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें नेपाल में प्रवेश की अनुमति मिल पाएगी. हालांकि, तीसरे देश के नागरिकों को स्थल मार्ग से अनुमति नहीं दी गई है. वह फ्लाइट से आ सकते हैं.


उन्होंने बताया कि मधुबनी जिले के मधवापुर, इनरवा, लौकहा, जटही सहित अन्य भारत-नेपाल बॉर्डर से भारतीयों का आना-जाना हो सकता है. बिहार से सटे नेपाल के मधवापुर, इनरवा, लौकहा, जटही, खजूरगाछी, घंटाबारी, भिट्टामोड, बलमुआ, बंकूरा, मटिअरवा, त्रिवेणी, गौर और वीरगंज सहित कई बॉर्डर खोले गए हैं.


लॉकडाउन के बाद से बंद थे बॉर्डर


इन बॉर्डर से अनुमति के बाद लोग नेपाल में प्रवेश कर सकते हैं. आपको बता दें कि कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से भारत-नेपाल बॉर्डर पर आवाजाही बंद थी. अब नेपाल से अनुमति मिलने के बाद लोगों को आने जाने में काफी सहूलियत होगी.


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