आरा: राजनीति में हमेशा से परिवारवाद हावी रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भी 'सेकेंड जेनरेशन पॉलिटिक्स' यानी कि दूसरी पीढ़ी की राजनीति दांव पर है. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय जनता पार्टी, प्लूरल्स पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने अपने बेेटा, बेटी, बहू और दामाद को चुनावी मैदान में उतारा है. भोजपुर के शाहपुर विधानसभा सीट से राजद ने एक बार फिर से शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी को आरजेडी का टिकट दिया है, जो फिलहाल इस सीट से विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार मुन्नी देवी से है, जिन्हें एनडीए ने अपना कैंडिडेट बनाया है.


आरजेडी के कद्दावर नेता हैं शिवानंद तिवारी


शिवानंद तिवारी आरजेडी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. वे आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद रह चुके हैं. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ आरजेडी में शिवानंद तिवारी भी सवर्णों का एक बड़ा चेहरा हैं, जिन्हें अलग-अलग समय में पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. शिवानंद तिवारी छात्र जीवन में लालू प्रसाद के साथ थे. लालू प्रसाद और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को आगे बढ़ाने में उनकी काफी अहम भूमिका रही है. इनके पिता रामानंद तिवारी भी सांसद-विधायक रह चुके हैं.


2015 में भाजपा उम्मीदवार को दी थी मात


आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के बेटे और शाहपुर विधायक राहुल उर्फ मंटू तिवारी के कंधों पर एक बार फिर से परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाले रखने की बड़ी जिम्मेदारी है. पिछली बार साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार राहुल तिवारी ने 14,570 वोटों के भारी अंतर से भाजपा उम्मीदवार विशेश्वर ओझा को हराया था. बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी.


विशेश्वर ओझा को कुल 54,745 वोट मिले थे. जबकि राहुल तिवारी को 69,315 वोट प्राप्त हुए थे. इन दोनों के अलावा बाकी कोई तीसरा उम्मीदवार दूर-दूर तक मैदान में नहीं था. विशेश्वर ओझा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई में दिनदहाड़े उनकी हत्या कर दी गई थी.


इस बार मुन्नी देवी देंगी टक्कर


इस सीट से इसबार भाजपा उम्मीदवार मुन्नी देवी राहुल तिवारी को काफी कड़ी टक्कर देने वाली हैं. 2005 के विधानसभा चुनाव में मुन्नी देवी ने राहुल तिवारी के पिता और आरजेडी के दिग्गज नेता शिवानंद तिवारी को चुनावी मैदान में धूल चटाया था. भाजपा के टिकट पर मुन्नी देवी ने आरजेडी उम्मीदवार शिवानंद तिवारी को 2,807 वोटों से हराया था.


भोजपुर की यह सीट सवर्णों की गढ़ मानी जाती है. यह सीट सवर्ण बहुल क्षेत्र है. कई दशकों से यहां सवर्ण उम्मीदवारों का दबदबा रहा है, जो लगातार जीतते आ रहे हैं. इसबार भी महागठबंधन और एनडीए की ओर से सवर्णों को ही टिकट दिया गया है.