सुपौल: बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती एजुकेशन द टेरर (Education The Terror) मूवी जल्द ही रिलीज होने वाली है. इसमें एक और बिहार का नया उभरता चेहरा सामने आ रहा है. बिहार के छोटे से जिले सुपौल के गोविंदपुर गांव के रहने वाले कुमार आर्यन इस फ़िल्म में एक पढ़े लिखे बेरोजगार लड़के का किरदार निभा रहे हैं. मंगलवार को वह सुपौल पहुंचे और लोगों को फिल्म देखने की अपील कर रहे. आर्यन ने बताया कि 13 साल के कठिन संघर्ष के बाद उनकी ये फिल्म तीन फरवरी को बिहार, झारखंड और बंगाल में रिलीज हो रही है. इस फिल्म में बिहार में एजुकेशन सिस्टम की बदहाली के बारे में बताया गया है.


बेरोजगार के रोल में हैं आर्यन


इस मूवी में कुमार आर्यन रंजन नाम के एक बेरोजगार लड़के का रोल निभा रहे. लंबे संघर्ष के बाद जब नौकरी नहीं मिलती है तो वो किस तरीके से बेरोजगारी पर चोट करते हुए एक ऑटो पर अपना पूरा सर्टिफिकेट चिपका कर सरकार को आईना दिखाते हैं. कुमार आर्यन के 13 सालों का संघर्ष बताया है. कुमार आर्यन अपने संघर्ष की कहानी अपनी जुबानी सुनाते हुए बोले कु 13 वर्ष पहले सुपौल के प्रतापगंज प्रखंड के छोटे से गांव गोविंदपुर से मां पिता से 700 रुपये लेकर सफर पर निकल गए. इसके  बाद काफी ठोकरें खाने के बाद पहले दिल्ली पहुंचे. 


बिहार में बेहाल एजुकेशन सिस्टम


दिल्ली में भी काफी ऑडिशन देने के बाद जब बात नहीं बनी तो उसके बाद मुंबई की सफर पर निकल पड़े. वहां भी काफी दौर भाग के बाद बॉलीवुड फिल्म द एजुकेशन टेरर फ़िल्म मिली है. उन्होंने कहा कि बिहार,झारखंड एवं बंगाल वासी इस फ़िल्म को सपोर्ट करें और आशीर्वाद दें. उधर, सुपौल पहुंच लोगों से मिलकर आर्यन ने अपनी आने वाली फिल्म देखने की अपील की जिसमे  खासकर बिहार में बढ़ते एजुकेशन माफिया के कारण खराब हुए माहौल के बारे में बताया है. ये फिल्म युवाओं को काफी प्रेरित करेगी.


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