सुपौल: मौजूदा समय जब गुरु शिष्य के रिश्ते की महत्व समाज में कम होते जा रही है, इस वक्त बिहार के उद्योग मंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिससे युवाओं को सीख लेने की जरूरत है. बिहार सरकार में मंत्री बनने के बाद पहली बार सुपौल पहुंचे सैयद शाहनवाज हुसैन ने सबसे पहले अपने गुरु राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कालीचरण मिश्र के घर पहुंचकर उनसे आशीर्वाद लिया. वहीं, पुराने दिनों को याद करते हुए गुरु मंत्रणा भी ली.
लोगों के की खूब तारीफ
इधर, इतने बड़े ओहदे पर पहुंचने के बाद गुरु के प्रति शाहनवाज के प्रेम को देखकर लोग दंग रह गए और उनकी खूब सराहना की. मंत्री शाहनवाज हुसैन का यह आचरण हमारे मूल्यविहीन होते शैक्षिक समाज के लिए बहुत बड़ा संदेश है. बता दें कि दोनों गुरू-शिष्य सुपाैल के निवासी हैं.
सुपौल में ही हुआ था जन्म
मालूम हो कि सैयद शाहनवाज हुसैन का जन्म 12 दिसंबर 1968 को सुपौल में हुआ था. हुसैन ने आइटीआइ से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. वो पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वे तीन बार लोकसभा सदस्य भी (1999, 2006, 2009) रह चुके हैं. इस वर्ष वे विधान पार्षद चुने गए हैं.
उन्होंने उच्च माध्यमिक शिक्षा सुपौल के विलियम्स हाईस्कूल से प्राप्त की है. उन्होंने दिल्ली और पटना से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. राजनीति की शुरूआत उन्होंने 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव से की और कम उम्र में केंद्रीय राज्यमंत्री बन गए. उन्होंने मानव संसाधन विभाग, युवा मामले और खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का प्रभार संभाला है.
वाजपेयी शासन काल में बने मंत्री
बता दें कि शाहनवाज अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्र में मंत्री बने थे. उस समय उन्हें सबसे युवा मंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ था. सैयद शाहनवाज हुसैन वर्ष 2014 में भागलपुर लोकसभा में चुनाव हार गए थे. 2019 में उन्हें भाजपा ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया. लेकिन लगातार वे पार्टी के लिए कार्य करते रहे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा विलियम्स हाईस्कूल सुपौल में हुई. कुछ दिन पूर्व वे बिहार में विधान परिषद सदस्य बने और फिर उद्योग मंत्री.
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