Sharad Yadav Passed Away: देश के चर्चित और लंबे समय तक लोकसभा के सदस्य रहने वाले समाजवादी नेता शरद यादव के निधन के बाद देश में शोक की लहर है. बिहार के दिग्गज नेताओं के साथ शरद यादव का काफी गहरा लगाव रहा था. राम मनोहर लोहिया से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले शरद यादव 1974 में पहली बार जेपी के आंदोलन के समय लोकसभा के सदस्य बने थे. उस आंदोलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान और बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले जॉर्ज फर्नांडिस से शरद यादव की काफी घनिष्ठता थी.
1989 में जनता दल से बीपी सिंह की सरकार बनी थी. उस समय शरद यादव केंद्रीय मंत्री बने थे. रामविलास पासवान भी पहली बार बीपी सिंह की सरकार में मंत्री बने थे. नीतीश कुमार भी बीपी सिंह की सरकार में ही सांसद थे. लालू प्रसाद यादव भी उस वक्त जनता दल में थे और 1990 में वह जनता दल से चुनाव जीतकर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे.
...और आशीर्वाद यात्रा पर निकले चिराग
शरद यादव का रामविलास पासवान से गहरा संबंध था. यही कारण है कि 2021 में जब पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान ने अलग हो गए तो शरद यादव से जाकर चिराग ने मुलाकात की थी. शरद यादव ने कहा था कि रामविलास पासवान उनके काफी करीबी मित्र रहे थे. उनके साथ गहरा लगाव था. उन्होंने चिराग पासवान को आशीर्वाद दिया था कि लोक जनशक्ति पार्टी का जनाधार तुम्हारा है और उसी वक्त चिराग पासवान ने बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकाली थी.
काफी दिनों तक जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश के साथ थे शरद यादव
1989 में जनता दल में सभी घटक दल के नेता शामिल हुए थे, लेकिन 1994 में नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस ने जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बनाई थे. बाद में लालू प्रसाद यादव ने भी राष्ट्रीय जनता दल के नाम से पार्टी बनाई. शरद यादव ने 1998 में लोकदल बनाया था, लेकिन 2003 में शरद यादव जार्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार एकजुट हुए थे जिसमें लोकदल और समता पार्टी का विलय हुआ था और जनता दल यूनाइटेड बना था.
उस वक्त जॉर्ज फर्नांडिस जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, लेकिन कुछ ही दिन बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव बने थे. 11 साल तक नीतीश कुमार और शरद यादव का साथ रहा था. 2003 में जेडीयू के गठन होने के बाद जेडीयू बीजेपी में गठबंधन हो गया था और शरद यादव एनडीए के संयोजक बने थे. 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के बाद जेडीयू बीजेपी से अलग हो गई थी और शरद यादव ने एनडीए के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था.
पार्टी बनाई... फिर आरजेडी में विलय
इसके बाद नीतीश कुमार खुद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए और दोनों में खटास आ गई थी. इसके बाद शरद यादव ने अपनी पार्टी बनाई लेकिन बाद में शरद यादव ने अपनी पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया और वो लालू प्रसाद यादव के साथ हो गए.
यह भी पढ़ें- Sharad Yadav Story: शरद यादव के सामने जब चुनाव में चित हो गए थे लालू, राबड़ी देवी थीं मुख्यमंत्री, जानें वो किस्सा