(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sharda Sinha Death: पंचतत्व में विलीन हुईं बिहार की स्वर कोकिला, गुलबी घाट पर हुआ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार
Sharda Sinha Last Rites: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में मंगलवार की रात निधन हो गया था. वहीं आज यानी गुरुवार को पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
Sharda Sinha Death News: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर गुरुवार (7 नवंबर) को अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शारदा सिन्हा के परिजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे और भारी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद रहे. अंतिम संस्कार के दौरान उनके प्रशंसकों ने 'शारदा सिन्हा अमर रहे', 'जब तक सूरज चांद रहेगा शारदा सिन्हा का नाम रहेगा' जैसे नारे लगाए.
इस दौरान अश्विनी चौबे ने कहा, "बिहार कोकिला शारदा सिन्हा छठ पूजा के बीच हम लोगों को छोड़कर चली गईं. हर तरफ उनके द्वारा गाए गीत सुनने को मिल रहे हैं. वो मां शारदा की रुप थीं, उनके कंठ में मां सरस्वती का वास था. लोक संस्कृति को उन्होंने आगे बढ़ाने का काम किया. उनका जाना बिहार सहित पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है."
72 साल की उम्र में हुआ निधन
बता दें मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया था. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा था. जानकारी के अनुसार, शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. शारदा सिन्हा के पति का निधन भी हाल ही में हुआ था.
शारदा सिन्हा को संगीत की दुनिया में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्माित किया गया था. शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं. उनके चर्चित गानों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं. शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था.
उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे, जिनसे उन्होंने शिक्षा और कला के प्रति सम्मान सीखा. अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में पूरी करने के बाद, शारदा सिन्हा ने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा और 1974 में पहला भोजपुरी गीत गाया.