Sharda Sinha Death Live: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, CM नीतीश कुमार हुए भावुक, कब होगा अंतिम संस्कार?
Sharda Sinha Death News Live: लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. इस पर कई दिग्गजों ने शोक जताया है.
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Sharda Sinha Death News Live: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली एम्स में मंगलवार की रात नौ बजकर 20 मिनट पर उनका निधन हो गया. लोक गायिका बीते 7 सालों से मल्टीपल मायलोमा (एक तरह का ब्लड कैंसर) से जूझ रही थीं. बता दें कि पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं. उनके चर्चित गानों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं. संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है. वहीं, उन्होंने अपने पति के निधन के कुछ ही दिन बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 22 सितंबर को उनके पति का निधन हुआ था.
प्रधानमंत्री ने जाना था हाल
शारदा सिन्हा के बेटे ने मंगलवार की सुबह उनके हेल्थ को लेकर अपडेट को दिया था. साथ ही बताया था कि उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और मां के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था. उन्होंने मां का हालचाल जाना. पीएम ने एम्स के डायरेक्टर से भी बात की. वहीं, शारदा सिन्हा 26 अक्टूबर से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं उन्होंने वहीं से आस्था के महापर्व छठ का एक नया गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मईया' का ऑडियो सॉन्ग रिलीज किया था. छठ गीतों को लेकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आम लोगों के दिलों पर वो राज करती हैं.
1952 में शारदा सिन्हा का हुआ था जन्म
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे, जिनसे उन्होंने शिक्षा और कला के प्रति सम्मान सीखा. अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में पूरी करने के बाद, शारदा सिन्हा ने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा और 1974 में पहला भोजपुरी गीत गाया. इसके बाद भी संघर्ष जारी रहा, लेकिन 1978 में उनके छठ गीत 'उग हो सुरुज देव' ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई. इस गीत ने उन्हें बिहार और उत्तर भारत में घर-घर तक पहुंचा दिया और बिहार की सांस्कृतिक पहचान में अहम भूमिका निभाई.
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Sharda Sinha Death: अल सुबह दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया पार्थिव शरीर
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अल सुबह दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया है. तय समय के अनुसार सुबह 9.40 की फ्लाइट से पटना लाया जाएगा. पटना में 12 बजे के बाद अंतिम दर्शन कर सकते हैं.
#WATCH दिल्ली: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2024
उनका अंतिम संस्कार पटना में होगा। https://t.co/N0a6NPZVKL pic.twitter.com/41SW2TH54J
Sharda Sinha Death: आरसीपी सिंह बोले- 'शारदा सिन्हा जी को हमेशा याद किया जाएगा'
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शारदा सिन्हा के निधन दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा, "बिहार कोकिला, पद्म भूषण से सम्मानित आदरणीय शारदा सिन्हा जी के असामयिक निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है. छठी मैया और भक्ति के गानों के माध्यम से भोजपुरी की मिठास को देश- दुनिया में पहुंचाने के लिए शारदा जी को हमेशा याद किया जाएगा. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें और उनके शोक संतप्त परिजनों को ढांढस दें. ॐ शान्ति शान्ति!"
Sharda Sinha Death: वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने जताया दुख
शारदा सिन्हा के निधन पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "प्रसिद्ध लोक गायिका श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं. उनके लोकगीतों में भारतीय संस्कृति की आत्मा बसती थी और उनकी सुमधुर वाणी ने पीढ़ियों को सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा. उनका जाना संगीत एवं लोक कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारजनों को यह अपार दुःख सहन करने का साहस दें. भावभीनी श्रद्धांजलि!"
Sharda Sinha Death: पटना में शारदा सिन्हा का कर सकेंगे अंतिम दर्शन
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर आज (बुधवार) दिल्ली से पटना लाया जाएगा. अब तक की खबर के अनुसार 12 बजे के बाद शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना आने पर उनके रिश्तेदार और चाहने वाले अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार होगा.
Sharda Sinha Death: रोहिणी आचार्य ने कहा- भरपाई असंभव
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "स्वर -कोकिला, लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाने वाली महान पार्श्व गायिका पद्मभूषण डॉ. (श्रीमती) शारदा सिन्हा जी के देहावसान से मर्माहत हूं. शारदा सिन्हा जी के गीतों के बिना महापर्व छठ व लोक संस्कार अकल्पनीय है. लोकगीतों की मूर्धन्य हस्ताक्षर शारदा जी के इहलोक प्रस्थान से हुई रिक्तता की भरपाई असंभव है. कोटिशः नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि दिवंगत आत्मा को व शोक संत्पत परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं."