Sharda Sinha Death Live: दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर, कुछ देर में आएगा पटना, कब होगा अंतिम संस्कार?
Sharda Sinha Death News Live: लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. इस पर कई दिग्गजों ने शोक जताया है.
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अल सुबह दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया है. तय समय के अनुसार सुबह 9.40 की फ्लाइट से पटना लाया जाएगा. पटना में 12 बजे के बाद अंतिम दर्शन कर सकते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शारदा सिन्हा के निधन दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा, "बिहार कोकिला, पद्म भूषण से सम्मानित आदरणीय शारदा सिन्हा जी के असामयिक निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है. छठी मैया और भक्ति के गानों के माध्यम से भोजपुरी की मिठास को देश- दुनिया में पहुंचाने के लिए शारदा जी को हमेशा याद किया जाएगा. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें और उनके शोक संतप्त परिजनों को ढांढस दें. ॐ शान्ति शान्ति!"
शारदा सिन्हा के निधन पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "प्रसिद्ध लोक गायिका श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं. उनके लोकगीतों में भारतीय संस्कृति की आत्मा बसती थी और उनकी सुमधुर वाणी ने पीढ़ियों को सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा. उनका जाना संगीत एवं लोक कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारजनों को यह अपार दुःख सहन करने का साहस दें. भावभीनी श्रद्धांजलि!"
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर आज (बुधवार) दिल्ली से पटना लाया जाएगा. अब तक की खबर के अनुसार 12 बजे के बाद शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना आने पर उनके रिश्तेदार और चाहने वाले अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार होगा.
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "स्वर -कोकिला, लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाने वाली महान पार्श्व गायिका पद्मभूषण डॉ. (श्रीमती) शारदा सिन्हा जी के देहावसान से मर्माहत हूं. शारदा सिन्हा जी के गीतों के बिना महापर्व छठ व लोक संस्कार अकल्पनीय है. लोकगीतों की मूर्धन्य हस्ताक्षर शारदा जी के इहलोक प्रस्थान से हुई रिक्तता की भरपाई असंभव है. कोटिशः नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि दिवंगत आत्मा को व शोक संत्पत परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं."
सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन राज्य, समाज के सांस्कृतिक पहचान की क्षति है. उनका निजी तौर पर नुकसान है. उनका स्नेह मिलता रहा है. पटना बाढ़ में उनकी सेवा का मौका उन्हें मिला था. उन्होंने कहा कि संयोग है बिहार के लोकपर्व छठ को अपने गीत से पहचान दिलाने वाली शारदा का इसी त्योहार पर देहांत.
शारदा सिन्हा के निधन पर भोजपुरी के हिट मशीन खेसारी लाल यादव ने दुख जताया है. उन्होंने कहा, "स्वर के अद्भुत साधिका, लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन के खबर से आंख नम आ मन भारी बा. शारदा जी के आवाज आ सुर से बिहार के माटी के मिठास हर कोई महसूस कइलस. भगवान उहांके आत्मा के शांति आ परिवार के ई दुख सहन करे के हिम्मत देस। उहां खानी दोसर केहू ना होई!"
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "शारदा सिन्हा का निधन एक अपूरणीय क्षति है. उनके परिवार ने फैसला किया है कि उनका अंतिम संस्कार बिहार में होगा. पीएम मोदी ने भी इस पर दुख जताया है. मैंने बिहार सरकार से भी बात की है. उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ होगा. यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह हमारे दिलों में भी रहेंगी. भगवान उनके परिवार और उनसे प्यार करने वाले सभी लोगों को शक्ति दे.'
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताते हुए लिखा कि 'बिहार की सुपुत्री पद्मश्री, पद्मविभूषण से सम्मानित सुप्रसिद्ध गायिका तथा अपनी मधुर आवाज़ एवं गीतों के माध्यम से छठ पूजा को जन-जन तक पहुंचाने वाली श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की दुखद सूचना मिली. ईश्वर से प्रार्थना कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा दुख की इस घड़ी में शुभचिंतकों व उनके परिवार को संबल और धैर्य प्रदान करें. उनकी मधुर आवाज़ हमेशा जीवित रहेंगी. उन्हें शत्-शत् नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति.
शारदा सिन्हा के निधन पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने दुख प्रकट किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि 'छठ का सुर सदा के लिए अनंत में विलीन हो गया. कैसे आपको विदा दूं दीदी!.
Sharda Sinha Died: शारदा सिन्हा की मौत की खबर पर कुमार विश्वास ने 'एक्स' पर दुख प्रकट किया. उन्होंने लिखा कि 'यूं तो वे प्रत्येक भारतीय परिवार की उत्सवधर्मी मंगल-ध्वनि थीं. किंतु हमारे परिवार के लिए तो वे बड़ी बहन जैसी थीं. जिनके कोकिल-कंठ के लिए देश-दुनिया के बड़े-बड़े मंच प्रतीक्षा करते थे वे शारदा जिज्जी हमारे घर पर, भोजन से पहले और बाद में, हमारे छोटे-छोटे अनुरोधों पर घंटों गाती-गुनगुनाती रहतीं. यह भी दैवीय लेखा ही है कि जिनके गुंजार के बिना छठ अपूर्ण रहती थी उन शारदा जी ने छठ के पूर्ण-फलित होने पर ही यह यात्रा पूर्ण की. सुरों के लोक को शारदा-स्वर की चहल-पहल शुभ हो. हमारे अपूर्ण कोश में आपके स्नेह, आपकी साधना व आपकी गीत-गंगा का जल सदैव अक्षुण्ण रहेगा शारदा जिज्जी.'
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक्स पर लिखा कि 'बिहार की शान व प्रसिद्ध लोकगायिका, विशेषतौर पर छठ मईया के गीत से मंत्रमुग्ध करने वाली आदरणीय श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. कला के क्षेत्र में ये अपूर्णीय क्षति है. इनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता. छठ महापर्व के पावन मौके पर शारदा सिन्हा जी की कमी महसूस होगी. कल ही इनसे मेरी मुलाकात हुई, मेरी बात भी हुई थी, मैंने कहा भी था कि आप जल्द स्वस्थ होकर हमसब के बीच आएं, आपके बिना छठ पर्व अधूरा है, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. ये भी क्या संयोग है कि छठ के लोकगीत से विख्यात शारदा सिन्हा जी का निधन आज छठ पूजा के प्रथम दिन ही हुआ. इनके मधुर स्वर के बिना छठ पर्व अधूरा सा लगेगा. छठ मईया उन्हें अपने श्रीचरणों में सर्वश्रेष्ठ स्थान दें और उनके शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करें.'
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लिखा कि 'बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी के निधन से स्तब्ध हूं. उनकी गायन ने बिहार की संस्कृति, भोजपुरी संगीत और छठ महापर्व की महानता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गरिमामयी पहचान दिलाई है. ईश्वर उन्हें श्री चरणों में स्थान प्रदान करें.
शारदा सिन्हा के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि 'बिहार की सांस्कृतिक नायिका तथा बिहार की स्वर कोकिला बहन शारदा सिन्हा जी का जाना बिहार की लोकसंस्कृति एवं विरासत के लिए अपूरणीय क्षति है. छठ का महापर्व बिना उनके गाए गीतों के अधूरा लगता है. पूरा बिहार शोक की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है. ईश्वर से हमारी प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों मे स्थान दें तथा उनके परिजनों व स्वजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.
शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि 'सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा मशहूर लोक गायिका थीं. उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत भी गाये थे. उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी. संगीत जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था. स्व० शारदा सिन्हा के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं. उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने स्व० शारदा सिन्हा की आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, प्रशंसकों एवं अनुयाइयों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि 'श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है. वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी लोक गायिका थीं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाया. उनके गीतों को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे. उनके निधन से लोक संगीत की दुनिया ने एक प्रभावी स्वर खो दिया है. दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शान्ति!'
बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दुख जताया. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि 'छठ महापर्व को सुरीले गीतों से सजाने वाली, बिहार को कला के क्षेत्र में नई पहचान देने वाली शारदा सिन्हा जी के स्वर अब शांत हो गए. दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने आखिरी सांस लीं. गंभीर बीमार होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पद्म श्री, पद्म भूषण, स्वर कोकिला को छठी मईया अपने चरणों में शरण दें, यही प्रार्थना है. दुख की इस घड़ी में छठी माई उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति, शांति, शांति!
शारदा सिन्हा के निधन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शोक जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि 'छठ महापर्व को अपनी मधुर आवाज़ से सजाने वाली, हमारी संस्कृति की मर्मस्पर्शी गायिका, शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं. उनका योगदान हमारी लोक संस्कृति के लिए अमूल्य है, उनकी आवाज़ हर आस्था और हर पर्व में सजीव रहेगी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में सहनशक्ति प्रदान करे. शारदा जी, आपकी यादें और गीत हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे.
Live: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, गिरिराज सिंह ने जताया शोक
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Sharda Sinha Death News Live: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली एम्स में मंगलवार की रात नौ बजकर 20 मिनट पर उनका निधन हो गया. लोक गायिका बीते 7 सालों से मल्टीपल मायलोमा (एक तरह का ब्लड कैंसर) से जूझ रही थीं. बता दें कि पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं. उनके चर्चित गानों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं. संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है. वहीं, उन्होंने अपने पति के निधन के कुछ ही दिन बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 22 सितंबर को उनके पति का निधन हुआ था.
प्रधानमंत्री ने जाना था हाल
शारदा सिन्हा के बेटे ने मंगलवार की सुबह उनके हेल्थ को लेकर अपडेट को दिया था. साथ ही बताया था कि उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और मां के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था. उन्होंने मां का हालचाल जाना. पीएम ने एम्स के डायरेक्टर से भी बात की. वहीं, शारदा सिन्हा 26 अक्टूबर से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं उन्होंने वहीं से आस्था के महापर्व छठ का एक नया गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मईया' का ऑडियो सॉन्ग रिलीज किया था. छठ गीतों को लेकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आम लोगों के दिलों पर वो राज करती हैं.
1952 में शारदा सिन्हा का हुआ था जन्म
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे, जिनसे उन्होंने शिक्षा और कला के प्रति सम्मान सीखा. अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में पूरी करने के बाद, शारदा सिन्हा ने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा और 1974 में पहला भोजपुरी गीत गाया. इसके बाद भी संघर्ष जारी रहा, लेकिन 1978 में उनके छठ गीत 'उग हो सुरुज देव' ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई. इस गीत ने उन्हें बिहार और उत्तर भारत में घर-घर तक पहुंचा दिया और बिहार की सांस्कृतिक पहचान में अहम भूमिका निभाई.
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